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बिजली कट से आप भी है परेशान,जान लीजिए छः साल के सबसे बुरे बिजली संकट मे भारत।

गर्मी ने पूरे एशिया मे तबाही मचाई है। एक अनुमान के मुताबित इस बार का मार्च इतिहास का सबसे गर्म मार्च रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी गर्मी के कारण आग लगने के खतरों के प्रति आम नागरिक को आगाह किया था
प्रचंड गर्मी के कारण बिहार,दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बंगाल और पंजाब समेत देश के कई राज्यों में बिजली खफत ज्यादा देखने को मिल रही है। देश के कई इलाकों में कल तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था और आने वाले दिनों में ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना है। लेकिन चिंता की बात है कि बिहार, दिल्ली समेत कई राज्यों में ज्यादा पावर कट से मुसीबत और बढ़ गया है। भीषण गर्मी के चलते बिजली की डिमांड बढ़ गई है और कोयले की सप्लाई में काफी कमी है। पंजाब राज्य में बिजली की मांग में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है,दिल्ली में सिर्फ एक दिन का कोयला बिजली उत्पादन के लिए बचा है। उत्तर प्रदेश में कोयले का स्टॉक तेजी से कम हो रहा है। जरूरत का 25 फीसदी कोयला स्टॉक ही फिलहाल अभी मौजूद है और यदि आने वाले दिनों में सप्लाई नही बढ़ी तो संकट गहरा सकता है। अभी 38 सालों में बिजली की सबसे ज्यादा मांग इस बार है। बिजली मांग मे अभी पूरे देश मे तेजी देखने को मिल रही है तो वहीं कोयले की सप्लाई में कमी आई है। आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड, हरियाणा में भी बिजली का संकट देखने को मिल रहा है।
देश के कुल 173 पावर प्लांट्स में से 106 प्लांट्स में कोयला केवल 25% के बीच ही बचा है और कोयला प्लांट बिजली उत्पादन को कोयले के स्टॉक के मुताबिक तय करते हैं। यानी बात यह हुई कि पावर प्लांट के पास क्षमता से सिर्फ 25% ही कोयला है।
ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक देश के 18 पिटहेट प्लांट यानी ऐसे बिजलीघर, जो कोयला खदानों के मुहाने पर ही हैं, उनमें तय मानक का 78% कोयला है। जबकि दूर दराज के 147 बिजलीघर में औसतन 25% कोयला उपलब्ध है। यदि इन बिजलीघरों के कोयला स्टॉक तय स्टॉक के मुताबिक 100% होता तो पिटहेट प्लांट 17 दिन और नॉन-पिटहेट प्लांट्स 26 दिन चल सकते हैं लेकिन देश के कुल 173 पावर प्लांट्स में से 106 प्लांट्स में कोयला 25% ही कोयला बचा है जो बिजली सप्लाई मे कमी का कारण है।

कुणाल भगत

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