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दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का शानदार समापन ।

राजीव रंजन

संग्रामपुर- रामधनी भगत डिग्री कॉलेज संग्रामपुर के प्रांगण में चल रहे दो दिवसीय इंटरनेशनल मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च एंड प्रैक्टिकल सेमिनार का समापन शनिवार को हुआ। विधित हो की सेमिनार आइजोरा रिसर्च एसोसिएशन एवं रामधनी भगत डिग्री कॉलेज संग्रामपुर के तत्वावधान से आयोजित किया गया था। आइजोरा रिसर्च झारखंड की सेक्रेटरी कल्पना कुमारी ने जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बहुविषयक अनुसंधान यानी मल्टी डिसीप्लिनरी रिसर्च एक ऐसा शोध दृष्टिकोण है, जिसमें विभिन्न विषयों और क्षेत्रों के ज्ञान का उपयोग करके जटिल समस्याओं का समाधान किया जाता है। इसमें दो या अधिक विषयों के सिद्धांत, पद्धतियाँ और दृष्टिकोणों को मिलाकर नई अंतर्दृष्टियाँ प्राप्त की जाती हैं। यह दृष्टिकोण उन समस्याओं के लिए उपयोगी है, जो किसी एकल विषय के दायरे में सुलझाई नहीं जा सकतीं। आयोजन की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस सेमिनार का आयोजन बिल्कुल सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित हुई और आगे इस तरह की सेमिनार का आयोजन निरंतर होती रहेगी। वहीं कॉलेज के सचिव मनोज कुमार भगत ने बताया कि इस दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार पूर्ण रूप से सफल रहा, उन्होंने कहा की सेमिनार आयोजन करने में कॉलेज के सभी स्टाफ का भरपूर सहयोग मिला। उन्होंने बताया की यहां पहली बार इस प्रकार के सेमिनार का आयोजन किया गया और आयोजन की सफलता को देखकर लगता है कि आगे इस तरह के आयोजन को और शानदार तरीके से किया जाएगा तथा इस सेमिनार को सफल बनाने में डिग्री कॉलेज में कार्यरत सभी सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया।

वहीं आर.डी.बी कॉलेज संग्रामपुर की ओर से सृष्टि ने भारतीय इतिहास के बदलते परिप्रेक्ष्य के इतिहास लेखन पर अपनी बात रखी। वहीं इस सेमिनार में मोo इजाज अहमद मगध विश्वविद्यालय बोधगया से ऑन लाइन जुड़ कर नालंदा जिले के निजी स्कूल में कार्यरत महिला कार्य–जीवन संतुलन का अध्ययन पर अपनी बात रखी। मगध विश्वविद्यालय बोधगया से ही पंकज कुमार ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एन.एस.डी.सी)द्वारा कार्यान्वित कौशल विकास कार्यक्रमों की समस्याएं एवं संभावनाएं विषय पर अपने विचार प्रकट किए। अनंत कुमार,अर्थशास्त्र विभाग मगध विश्वविद्यालय बोधगया से जुड़ कर बिहार की कृषि चुनौतियां और कृषि व्यवसाय पर इसका प्रभाव पर प्रकाश डाला। पटना विश्वविद्यालय की शैली ने क्रोनिक किडनी रोग के रोगियों की जीवन संतुष्टि पर विचार प्रकट किया। ऋतु कुमारी, तिलकामांझी विश्वविद्यालय,भागलपुर से ऑनलाइन जुड़कर भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में एफ.डी.जे का महत्व विषय पर विस्तार से अपनी बात रखी। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय,आरा से साकिल अहमद ने जलवायु चिंता,टायराट्रामा और मानसिक स्वास्थ्य,सत्यनारायण विद्यार्थी तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर से ऑनलाइन जुड़ कर लोकतंत्र विषय पर तथा अनु कुमारी, पटना विश्वविद्यालय से ऑनलाइन जुड़ कर वयस्कों और किशोरों के बीच खुशी सूचकांक का तुलनात्मक अध्ययन पर अपनी बात रखी। इस विशेष अवसर पर आइजोरा रिसर्च एसोसिएशन झारखंड की सेक्रेटरी कल्पना कुमारी द्वारा प्रभाष कुमार भगत,सृष्टि एवं नेहा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मौके पर रामधनी भगत डिग्री कॉलेज संग्रामपुर में कार्यरत कुणाल भगत,राकेश रौशन उर्फ बमबम,विक्रम कुमार एवं कॉलेज के सभी सदस्यों का सेमिनार को सफल बनाने में सराहनीय भूमिका रही।

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