
पटना : मध्य प्रदेश के कटनी में गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में 15 किलो सोना और ₹300000 नगदी लूटपाट की घटना में बेऊर जेल में बंद सुबोध सिंह का नाम सामने आया है. जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि बिहार की सबसे बड़ी सुरक्षित जेल की चारदीवारी में कैद है लेकिन फिर भी देश के अलग-अलग राज्यों में पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है. 4 सालों में जेल में रहते हुए उसके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कैसे जेल में बंद अपराधी अपने गुर्गों से अपराध को अंजाम दिलवा रहे हैं.
राजधानी का केंद्रीय आदर्श कारा बेउर पिछले कुछ महीनों से पटना पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है. जेल में बंद अपराधी जिले में हो रहे अपराधों को अंदर से ही कंट्रोल कर रहे हैं. हत्या, लूट, रंगदारी की साजिश जेल में रची जा रही है, जिसे बाहर घूम रहे कुख्यात के गुर्गे अंजाम दे रहे हैं. महज तीन महीने में जेल के अंदर दो बार बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई, मगर हालत नहीं सुधरे. कुछ पेशेवर अपराधियों को बेउर जेल से भागलपुर स्थित आदर्श केंद्रीय कारा में भेजा गया था, लेकिन वे कानूनी दाव-पेंच लगा लौट आए. हाल ही में चूड़ी मार्केट से रंगदारी मांगने वाला बेउर जेल का कैदी भवानी आडियो में राहुल नामक बंदी से मोबाइल का चार्जर मांगते और दूसरे को गांजा बनाने का आदेश देते सुनाई दिया. जेल प्रशासन की उदासीनता के कारण शहर में संगीन अपराध हो रहे हैं, जिस पर रोक लगाना पटना पुलिस के लिए चुनौती बन गई है.