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आरएसएस के नफरत भरे अभियान का नतीजा है चंपारण में गांधी जी की मूर्ति पर सिलसिलेवार हमला।

आरएसएस के नफरत भरे अभियान का नतीजा है चंपारण में गांधी जी की मूर्ति पर सिलसिलेवार हमला

पटना :- भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि जब आज देश आजादी के 75 साल से गुजर रहा है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं. गांधी जी की कर्मभूमि चंपारण में विगत 10 दिनों में तीन जगह पर उनकी मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया है. प्रशासन इसके पीछे एक शराबी व्यक्ति का हाथ बताकर मामले की लीपापोती में लगा हुआ है. यह बेहद शर्मनाक है.

उन्होंने कहा कि इस तरह की लगातार घट रही घटनाएं महज इत्तफाक नहीं हो सकती, बल्कि एक सोची-समझी चाल का नतीजा है. ऐसे भी भाजपा व आरएसएस का आज पूरा केंद्रीकरण गांधी जी के ही खिलाफ है. ये वे ही लोग हैं, जो गांधी जी के हत्यारे गोडसे का महिमामंडन करते हैं. गांधी जी पर हमला इसलिए होता है क्योंकि वे हिंदु-मुस्लिम एकता के सबसे बड़े प्रतीक हैं. उनकी बारबार हत्या करने की कोशिश की गई, लेकिन आरएसएस का सांप्रदायिक उन्माद भरा अभियान चंपारण व पूरे देश में कभी सफल नहीं होगा. आज चंपारण की अधिकांश लोकसभा व विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है. यदि भाजपा यह सोच रही है कि वह गांधी जी की कर्मभूमि चंपारण को गुजरात बना देगी, तो गलतफहमी है. बिहार इसका जोरदार विरोध करेगा.

13 फरवरी की रात्रि में मोेतिहारी में चरखा पार्क स्थित महात्मा गांधी की आदम कद प्रतिमा तोड़ी गई. घोड़ासहन अंचल के भेलवा कोठी में भी 10 दिन पहले ऐसे ही घटना को अंजाम दिया गया था,जहां जनसहयोग से गांधी जी व कस्तूरबा गांधी की प्रतिमा लगाई गई थी. तुरकौलिया में शराब के रैपर का माला पहनाकर गांधी जी को अपमानित करने की कोशिश की गई. प्रशासन इस तरह के संगीन अपराध को किसी सिरफिरे के मत्थे मढ़कर असली दोषियों को नहीं बचा सकती. नीतीश कुमार को इसका जवाब देना होगा.

माले राज्य सचिव ने चंपारण व बिहार की जनता से अपील की है कि गांधी जी को अपमानित करने की इस साजिश के खिलाफ सतर्क रहें तथा आरएसएस के नफरत भरे अभियान का जोरदार जवाब दें! आज चंपारण में कई जगह पर प्रतिवाद भी किए गए।

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