Breaking Newsपटनाबिहार

गया पुलिस की बर्बरता का चरम उदाहरण है आढ़तपुर की घटना : महानंद सिंह

गया पुलिस की बर्बरता का चरम उदाहरण है आढ़तपुर की घटना : महानंद सिंह

सरकारी टेंडर की आड़ में बालू माफिया और पुलिस गठजोड़ के तहत ग्रामीणों पर हुए हमले

घटना के विरोध में 19 फरवरी को जिले में प्रतिवाद, 21 फरवरी को बेलागंज बंद

घटना की उच्चस्तरीय जांच, मेन थानाध्यक्ष की तत्काल बर्खास्तगी और सभी दोषी पदाधिकारियों पर कारवाई की मांग

गया पुलिस की चरम बर्बरता के शिकार बने जिले के बेलागंज प्रखंड के आढ़तपुर गांव का आज शुक्रवार को भाकपा-माले की एक राज्यस्तरीय जांच टीम ने दौरा किया. जांच टीम का नेतृत्व भाकपा-माले के अरवल विधायक महानंद सिंह, गया जिला सचिव निरंजन कुमार, ऐपवा जिला सचिव रीता वर्णवाल, इनौस राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर कर रहे थे.

जांच दल ने पुलिस बर्बरता के शिकार हुए ग्रामीणों, जेल भेजे गए लोगों के परिजनों और घायल महिलाओं से मुलाकात की तथा पुलिस ज्यादती की रिपोर्ट ग्रामीणों से सुनी.

ग्रामीणों को संबोधित करते हुए विधायक महानंद सिंह ने कहा कि आढ़तपुर की घटना नीतीश सरकार की अव्वल दर्जे की दमनकारी व गरीब विरोधी नीतियों और पुलिस प्रशासन की बर्बरता का चरम उदाहरण है. सरकारी टेंडर की आड़ में स्थानीय ग्रामीणों की चिंता को दरकिनार कर बालू माफिया को लूट की खुली छूट देने के लिए पुलिस-प्रशासन और बालू माफिया के गठजोड़ ने इस जुल्म-ज्यादती को अंजाम दिया है. यह खेल पूरे बिहार में जारी है. इस तानाशाही को बिहार की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी.

उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने, मेन थानाध्यक्ष की तत्काल बर्खास्तगी और सभी दोषी पदाधिकारियों पर कारवाई की भी मांग. कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में सरकार को इसपर जवाब देना होगा.

स्थानीय ग्रामीण बालू माफिया रामाश्रय शर्मा उर्फ पुण शर्मा, कौशल शर्मा, हरेंद्र शर्मा, रिंकू शर्मा, जितेंद्र शर्मा, सुबोध शर्मा, मनीष शर्मा उर्फ भीम शर्मा, सौरभ शर्मा का नाम लेकर आरोप लगा रहे थे. उनका कहना था कि पुलिस की इनसे मिलीभगत है व ग्रामीणों की कोई नहीं सुनता है. माले नेताओं ने कहा कि ये सारे लोग आपराधिक छवि के हैं.

गया जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि आढ़तपुर के लोग अवैध बालू उत्खनन से त्रस्त हैं और बालू माफिया के खिलाफ अपने गांव-खेती और आजीविका को बचाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे. बातचीत के जरिए प्रशासन इस मामले का शांतिपूर्ण समाधान निकाल सकती थी, लेकिन बालू माफियाओं के दवाब में पुलिस ने इस घटना को अंजाम दिया. जिला प्रशासन बालू माफिया के लठैत का काम कर रही है.

घटना के विरोध में 19 फरवरी को जिला में प्रतिवाद दिवस मनाया जाएगा व सोमवार 21 फरवरी को बेलागंज बंद का ऐलान किया गया है.
कहा कि पुलिस के साथ स्थानीय बालू माफिया गिरोह के कुछ लोग पुलिस वर्दी में थे व जुल्म-ज्यादती में शामिल थे. गांव की दर्जनों महिलाओं के शरीर पर चोट के निशान पाए गए.

महिलाओं ने जांच टीम के सदस्यों को अपने जख्म के निशान दिखाते हुए बताया कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने घरों में घुसकर उन्हें मारापीटा.

जांच टीम को नीशा देवी, लालमुनी देवी, लालती देवी सहित अन्य ग्रामीणों ने भी अपनी आपबीती सुनाई. उन लोगों ने बताया कि अबोध बच्ची प्रियांशु कुमारी को पुलिस कर्मियों ने जमीन पर पटक दिया, वहीं शिवपति देवी नामक विकलांग महिला को भी नहीं बख्शा. जांच टीम के सदस्यों ने गांव का मुआयना करते हुए लगभग आधा दर्जन घरों के दरवाजे-खिड़की, घरों में रखे बाइक-बक्सा को क्षतिग्रस्त पाया. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन ने बक्सा तोड़कर जेवर व पैसे चुरा लिए.

ग्रामीण रामबालक यादव व गणेशी यादव ने बताया कि गांव के पास से बालू उठाव के लिए बालू घाट नहीं बनाने को लेकर 2015 से प्रशासन को लिखापढ़ी किया जा रहा है, जिसकी प्राप्ति रसाीद ग्रामीणों के पास उपलब्ध है, मगर खनन विभाग और जिला प्रशासन ने उनकी एक भी नहीं सुनी और बारबार ग्रामीणों के उपर झूठा मुकदमा दर्ज किया जाता रहा है, जिसको लेकर मेन थाना कांड संख्या 12/20 और 07/21 दर्ज है।

मौके पर बेलागंज पार्टी सचिव मुन्द्रिका राम, इनौस राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर, ऐक्टू नेता रामचंद्र प्रसाद, आइसा नेता मो. शेरजहाँ, आमिर तुफैल खान, सोखेन्द्र यादव, रवि कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *