प्रखंड क्षेत्र के आहार तालाब पड़े हैं सूखे.


छठ व्रतियों को अर्ध्य देने में होगी परेशानी
–लोक आस्था का महापर्व छठ नहाए खाए के साथ हुआ शुरू
तारापुर मुंगेर
नहाए खाए के साथ ही मंगलवार को लोक आस्था का चार दिवसीय चैती छठ पूजा का शुभारंभ हो गया। छठ व्रतियों ने अपने घरों की साफ-सफाई की और कदुआ भात का सात्विक भोजन प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। बुधवार को खरना तथा गुरुवार को भगवान भास्कर को संध्याकालीन अर्थ दिया जाएगा। वही गर्मी बहुत तेज धूप के कारण प्रखंड क्षेत्र के सभी तालाब वह पोखरा में पानी सूख गए हैं। तेज धूप और भीषण गर्मी से तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में अभी से ही छठ व्रतियों को भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की चिंता सता रही है। वैसे प्रखंड में कहने को तो लगभग दो दर्जन से ज्यादा तालाब हैं ,लेकिन सभी तालाब सूखे पड़े हैं। इस ओर कभी भी जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं जाता है। लिहाजा तालाब में पानी नहीं होने से छठ व्रतियों को चिंता सता रही है कि इस बार कैसे भगवान भास्कर को अर्घ्य पड़ेगा। प्रखंड क्षेत्र के मानिकपुर, खैरा,लौना, पड़भाडा, अफजल नगर बीहमा ,गनेली एवं बेलाडीह माधोडीह, शाहपुर ,हरपुर, आदि गांव में तालाब हैं, लेकिन सभी तालाबों का पानी बिल्कुल ही सूख गया है। इन तालाबों पर विभिन्न कामों से हजारों हजार की संख्या में लोग छठ करने के लिए आते हैं लेकिन तालाब में पानी नहीं होने के चलते छठ व्रती चिंतित हैं।
विदित हो कि लोक आस्था के पर्व छठ को लेकर व्रती अर्ध्य की तैयारी में जुट गए हैं। इसके विकल्प के लिए व्रतियों को अब दूर तालाब के किनारे जाना पड़ेगा या पंपसेट या कुआं पर मजबूरन अर्ध्य देने को मजबूर होना पड़ेगा। वही छठ व्रतियों में आराधना देवी, सावित्री देवी, प्रतिमा देवी, आराध्या देवी ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से छठ घाट की सफाई एवं पानी उपलब्ध कराने की मांग की है।
शशि कुमार सुमन