प्रेस विज्ञप्तिबिहार में सौर ऊर्जा से उत्पादित 200 मेगावाट के विद्युत क्रय का इकरारनामा किया गया
● सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा 200 मेगावाट सोलर प्लांट की स्थापना राज्य के अंदर की जा रही है
● इन परियोजनाओं से लगभग 42 करोड़ यूनिट अतिरिक्त सौर ऊर्जा प्रति वर्ष राज्य को प्राप्त होगी।
● बिहार स्टेट पॉवर जेनरेशन द्वारा कजरा (लखीसराय) में 250 मेगावाट एवं पीरपैंती (भागलपुर) में 200 मेगावाट की क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है जिसके तहत बैटरी स्टोरेज सिस्टम का प्रावधान है।
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पटना : अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आज विद्युत भवन पटना में भारत सरकार के उपक्रम, सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड के साथ बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड, नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का 200 मेगावाट सौर ऊर्जा विद्युत क्रय हेतु करार किया गया।इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के माननीय ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के सीएमडी संजीव हंस, नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एमडी प्रभाकर, साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एमडी महेंद्र कुमार एवं सतलज जल विद्युत निगम के डायरेक्टर (फाइनेंस) ए के सिंह के अलावा अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में माननीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के “जल जीवन हरियाली अभियान” में अक्षय ऊर्जा का उपयोग एक महत्वपूर्ण कड़ी है। सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा 200 मेगावाट सोलर प्लांट की स्थापना राज्य के अंदर की जा रही है, जिसके तहत बांका में 75 मेगावाट एवं जमुई में 125 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना लगायी जाएगी। इन परियोजनाओं से लगभग 42 करोड़ यूनिट अतिरिक्त सौर ऊर्जा प्रति वर्ष राज्य को प्राप्त होगी। साथ ही बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कम्पनी के माध्यम से कजरा (लखीसराय) में 250 मेगावाट एवं पीरपैंती (भागलपुर) में 200 मेगावाट की क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण करने का निर्णय लिया गया। है जिसमें बैट्री स्टोरेज सिस्टम का भी प्रावधान है।कार्यक्रम में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बीएसपीएचसीएल के सीएमडी संजीव हंस ने अपने संबोधन में कहा कि विद्युत अधिनियम के प्रावधानों के तहत रिन्युएबल परचेज ऑब्लिगेशन (RPO) की पूर्ति हेतु एक निश्चित मात्रा में अक्षय ऊर्जा का क्रय अनिवार्य है। ब्रेडा के माध्यम से निविदा द्वारा 250 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना के स्थापना हेतु एजेंसियों का चयन किया गया है। जिसके तहत आज सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड से 200 मेगावाट सोलर ऊर्जा क्रय हेतु इकरारनामा किया जा रहा है। शेष 50 मेगावाट के लिए भी शीघ्र ही इकरारनामा किया जाएगा। वर्तमान में राज्य अन्तर्गत 130 मेगावाट की सोलर परियोजनाएँ संचालित है। जिससे राज्य को 23 करोड़ यूनिट सौर ऊर्जा प्रति वर्ष प्राप्त हो रही है। ऊपर वर्णित सभी परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने के उपरान्त बिहार राज्य के अंदर सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 830 मेगावाट हो जाएगी। इन सबों के अतिरिक्त राज्य में लघु स्तर पर सरकारी भवनों तथा इच्छुक व्यक्तियों के आवासीय भवनों के छतों पर भी रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है। इस योजना के तहत अब तक लगभग 25 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाये जा चुके हैं।सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड के डायरेक्टर (फाइनेंस) ए के सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि करार के हिसाब से दिसंबर 2023 से सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादित होने लगेगी। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि हम जुलाई या अगस्त 2023 में ही उत्पादन शुरू कर देंगे। साथ ही उन्होंने बिहार सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि यहां के अधिकारियों से हमेशा सहायता मिलती रहती है जिससे हमें प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने में मदद मिलती है।कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड एवं बिहार स्टेट पॉवर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के एमडी महेंद्र कुमार ने किया।