शेखपुरा में दिखी खाकी की आड़ में पुलिस की गुंडागर्दी, नहीं मिली शराब तो बेकसूर महिलाओं को पिटा
शेखपुरा :- नीतीश सरकार में देखिए पुलिस की गुंडागर्दी, नहीं मिली शराब तो बेकसूर महिलाओं को पिटा, मामला शेखपुरा के कोरमा थाना का है यहां के थानाध्यक्ष नीतीश कुमार है वे थानाध्यक्ष नहीं आपने आप को सरकार और न्यायलय समझ बैठे है, ऐसा इस लिए कहा जा रहा है की बेकसूर और बीमारों को भी ये दारोगा जी नहीं पहचानते है और उनकी बेरहमी से पिटाई करते है, जरा आप भी सुन लीजिये इस दारोगा की करतू।
शराब को लेकर पुरे सूबे की पुलिस काम कर रही है लेकिन कोरमा थाना की पुलिस का करने अंदाज ही कुछ और है ये हरिजन को देखना पसंद नहीं करते है और जबरन शराब धंधा करने का कबूलनामा भी करबाते है, जिसका जीता जागता नमूना घाटकोसुम्भा की आंगनबाड़ी सहायिका बताती है जरा आप भी सुनिए, घाटकोसुम्भा की महिलाओं का आरोप है कि पुलिस बेवजह महा दलितों को जातिसूचक गाली देकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया जाता है शराब की खोज में गई पुलिस बेवजह बेकसूरों को अपना निशाना बनाती है और जब शराब नहीं मिलता है तो बेरहमी से पीटता भी है, महिलाओं ने कहा है कि जबरन घर में घुसकर पुलिस महिलाओं और बच्चों को अपना निशाना बनाती है ऐसे में सभी महिलाओं ने एकजुट होकर पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बहरहाल सुशासन बाबू की सरकार में यह आम बात हो गई है, शेखपुरा टाउन थाना के थानाध्यक्ष बिनोद राम पहले से विवाद के घेरे में है, वही फिर कोरमा थाना के थानाध्यक्ष भी इस विवाद की जड़ में फंस चुके हैं महिलाओं के साथ बर्बरता करने वाली पुलिस को सरकार क्या अखंड राज के लिए छोड़ रखी है हालांकि इस घटना के संबंध में पीड़ित परिवार ने एसपी तक गुहार लगाई है, अब देखना यह लाजमी होगा ऐसे थानाध्यक्षों पर कार्रवाई होती है या फिर यह सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह जाएगा। बरहाल पीड़ित परिवार को एसपी ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है