
PATNA :- जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर विपक्षी दलों पर कार्रवाई करती है। वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक जब जदयू भाजपा के साथ थी, तब उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन जैसे ही जदयू महागठबंधन के साथ आई, भाजपा ने केन्द्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में जब महागठबंधन में मात्र 3 दल थे तो प्रधानमंत्री जी की 42 जनसभा होने का बावजूद बिहार में भाजपा की दुर्गति हुई थी। आज तो महागठबंधन में 7 दल हैं, 2024 में बिहार में इनकी ऐसी बुरी स्थिति होगी, जिसकी इन्होंने सपने में भी कल्पना नहीं की होगी।
ललन सिंह ने तमिलनाडु में बिहारियों के साथ हिंसा की खबरों को अफवाह बताते हुए कहा कि इस तरह का षड़यंत्र पूर्णतः भाजपा द्वारा किया गया था, ताकि उसका राजनीतिक लाभ लिया जा सके। उन्होंने कहा कि बिहार और तमिलनाडु पुलिस की जांच में यह बात स्पष्ट हो गई कि इस तरह की कोई घटना घटी ही नहीं। उन्होंने कहा कि वायरल किए गए सभी वीडियो फर्जी निकले, इसमें लगभग वीडियो को तो पटना में ही शूट किया गया था। इसका मकसद सिर्फ विपक्ष की एकता को भंग करना था, इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि कल तक बिहार विधानसभा में हल्ला करने वाले भाजपा के लोग पुलिस की रिपोर्ट के आने के बाद अब मुंह छुपाकर इधर-उधर दुबक गए हैं।
वही, एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी एवं बिहार की अन्य पार्टियों ने कई बार केंद्र सरकार से जातीय जनगणना की मांग की थी परन्तु उन्होंने हमारी इस मांग को नहीं माना। तत्पशचात माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के सभी दलों ने एकजुट होकर जातीय जनगणना के पक्ष में अपना मत जाहिर किया। 31 मई 2023 तक बिहार में जातीय जनगणना पूर्ण हो जाएगा। आने वाले समय में इस जनगणना के आधार पर योजनाओं एवं नीतियों को बनाने एवं लागू करने में आसानी होगी। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार चाहे तो पूरे देश में जातीय जनगणना अभी भी हो सकती है।