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जान ले कौन है शांभवी सायन जिसके जमुई से चिराग के बदले चुनाव लडने की हो रही चर्चा।

चुनावी माहौल में चर्चाओं का बाज़ार गर्म।


जमुई, कल जैसे ही चिराग ने अपना जमुई सीट छोड़ने का संकेत दिया राजनीतिक गलियारों और जनता के बीच एक नाम की चर्चा जोर पकड़ ली। वह नाम है शांभवी सायन जी हां अभी कुछ महीनों पहले भी मीडिया में यह नाम शुर्खियो में आया था जब मुख्यमंत्री खुद इनकी शादी में अपने किचन कैबिनेट के साथ शामिल हुए थे। सूत्रो की माने तो एक बात तो तय हो गई है कि जमुई से चिराग इस बार नही चुनाव लडेंगे और वो ये सीट पर भी दावा छोड़ रहे है क्योंकि उनको अपने पिता रामविलास पासवान के राजनीतिक वारिश के रूप में पेश करना है इसलिए वे हाजीपुर रुख किए हुए हैं। राजनीतिक जानकारों के अनुसार इस बात की पुष्टि कुछ दिनों से उनके जमुई ना के बराबर आने से हो गई थी। जनता भी समझ रही थी कि वे जमुई सीट छोड़ेंगे।
लेकिन जैसे जैसे लोक सभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है वैसे वैसे लोग कयास लगा रहे थे कि यह सीट लोजपा रामविलास को ही मिलेगी पर मीडिया सूत्रो के अनुसार जमुई सीट इस बार जदयू को मिलेगी और यहां से अशोक चौधरी अपनी दावेदारी पेश करेंगे परंतु वे अभी बिहार सरकार के मंत्री है तो वे यह पद नहीं छोड़ना चाहेंगे और वे मुख्यमंत्री के काफी करीबी भी है इसलिए वे जमुई से अपनी बड़ी बेटी को चुनाव में उतारेंगे। अब आपको बताते है कि शांभवी कौन है ।
बिहार सरकार के कैबिनेट में रसूख रखने वाले मंत्री अशोक चौधरी की तीन बेटियां हैं, जिसमें शांभवी सबसे बड़ी है। इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट शांभवी की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। अब उनके पति को जान लीजिए , आचार्य किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल लॉ ग्रेजुएट हैं। आचार्य किशोर कुणाल हनुमान मंदिर ट्रस्ट और महावीर ग्रुप के अस्पताल के जरिए लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं।
परीवार के लोगो के अनुसार दोनों के बीच पढ़ाई के समय से ही दोस्ती रही थी। सूत्रो के अनुसार अशोक चौधरी उस जमाने में लव मैरिज किए थे, जब अलग जाति’ में शादी करना संभव नहीं थी। अशोक चौधरी की पत्नी नीता चौधरी सवर्ण कायस्थ परिवार से ताल्लुक रखतीं हैं। इनके आपस में मिलने के सात सालो के बाद दोनों रिश्ते में बंध गए थे। कहा जाता है कि ये दोनों का पहली नजर का प्यार था। तब अशोक चौधरी राजनीति में नहीं आए थे। उनकी पहचान कांग्रेस के धाकड़ नेता महावीर चौधरी के बेटे के तौर पर थी। वे ज्यादातर वक्त पटना की बजाए दिल्ली में रहा करते थे।

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