सुशासन की सरकार में धड़ल्ले से हो रहा है राजीव नगर सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण, कुंभकरण की नींद में सोई सरकार, नहीं ले रही है सुध बुध।
सुशासन की सरकार में धड़ल्ले से हो रहा है राजीव नगर सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण, कुंभकरण की नींद में सोई सरकार, नहीं ले रही है सुध बुध
पटना , राजीव नगर के सरकारी जमीन पर आज भी धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है। सरकारी कर्मी के मिलीभगत से पैसे लेकर जमीन पर अवैध निर्माण कराया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि हर तल्ले के लिए रिश्वत की राशि फिक्स है। जिसे देकर आप भी जमीन पर अवैध निर्माण करा सकते हैं।आपको बता दें कि राजीव नगर में आवास बोर्ड के द्वारा 1024 एकड़ जमीन किसान से खरीदी गई थी जिस पर सरकार के विभिन्न कार्यालय का निर्माण होना था। लेकिन इस जमीन पर भू माफिया की नजर पड़ गई,सरकारी कर्मी को रिश्वत देकर उस पर अवैध निर्माण कराया जाने लगा, इस तरह से लगभग कुछ ही सालों में अवैध निर्माण का तांता लग गया। कई रसूख वाले व्यक्ति भी आज के डेट में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कराकर अपना मकान बनाकर रह रहे है। और कई लोग अपने मकान को किराए पर भी लगा दिए हैं। आपको बता दें कि अगर आज की बात की जाए तो 1024 एकड़ में 50 एकड़ से भी कम जमीन बच गई है, जिस पर भी भू माफिया का नजर गड़ा हुआ है,और अगर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की तो आने वाले कुछ ही दिनों में उस पर भी अवैध निर्माण हो जाएगा।आपको बता दें कि जब हमारी प्रत्येक न्यूज़ लाइव की टीम ने इसकी पड़ताल की तो राजीव नगर के रोड नंबर 24 स्थित नेपाली नगर, जयप्रकाश नगर के रोड नंबर 3, और आशियाना दीघा मेन रोड कंचन पुरी, चंद्र विहार कॉलोनी और 90 फीट पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी था। जिसे आप हमारी वीडियो में देख सकते हैं। साथ ही दीघा थाना क्षेत्र के आवास बोर्ड के जमीन पर भी धड़ल्ले से अवैध निर्माण करवाया जा रहा है। मोहल्ले वासी का कहना है यहां के एसडीओ ही रिश्वत लेकर अवैध निर्माण को बढ़ावा देते हैं। थाना इस पर रोक लगाती है तो एसडीओ के अनुमति लेकर लोग अवैध निर्माण कर रहे हैं। केबल खानापूर्ति के लिए एसडीओ के द्वारा एफ आई आर दर्ज करने का आदेश थाना को दिया जाता है, बाद में उसकी लीपापोती कर पिछले दरवाजे से निर्माण की अनुमति दे दी जाती है। इस बाबत जब एसडीओ से संपर्क करने की कोशिश की की गई तो ना तो ऑफिस में मिले ना ही उन्होंने फोन उठाया। वांगी के रूप में आपको बता दें दीघा थाना के मे फ्लावर स्कूल के बगल में जयप्रकाश नगर के डी सेवन प्लॉट में आलोक सिंह और मीकू सिंह के द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है। जबकि इसके विरूद्ध थाना में f.i.r. भी दर्ज है। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से जबरन उस पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। प्रत्येक न्यूज़ लाइव की टीम ने इससे पहले ही इस खबर को जोर-शोर से उठाया तो तत्कालीन एसडीओ प्रकाश चंद्र राजू को वहां से हटा दिया गया। आज के डेट में रंजीत रणवीर वहां के एसडीओ हैं और वह भी पहले एसडीओ की तरह ही निष्क्रिय बने हुए हैं, यहां तक की सूत्रों से पता चला है की पैसे लेकर के धड़ल्ले से अवैध निर्माण की अनुमति दी जाती है, एसडीओ रणवीर नंदन अक्सर कार्यालय से गायब रहते हैं, और उनके कक्ष पर ताला लगा रहता है। सूत्र बताते हैं कि अगर आप पहला तल्ला अवैध रूप से निर्माण कराना चाहते हैं तो इसके लिए आपको रिश्वत के तौर पर डेढ़ लाख रुपया एवं उसके ऊपर के प्रत्येक तल्ले का रेट ₹100000 है फिक्स है । कहने का मतलब आप पैसे दे कर के 4th फ्लोर 5th फ्लोर का निर्माण आसानी से कर सकते हैं। कई बार इस न्यूज़ को चलाने के बाद भी सरकार कुंभकरण निद्रा में सोई है। और उसके प्यादे पैसे लेकर के अवैध निर्माण करवा रहे हैं, और सरकारी जमीन का बंदरबांट जारी है। अगर अब भी सरकार नहीं चेती तो बची कुची जमीन भी सरकार के हाथ से निकल जाएगी जिस पर कब्जा करना नाकों चने चबाना जैसा कठिन होगा। इसलिए हमारी सरकार से दरखास्त है, इस पर अविलंब रोक लगाएं और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें जो पैसे लेकर के अवैध निर्माण करवाने में साथ दे रहे हैं।