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DM ने दानापुर DCLR दफ्तर में की रेड, आलमीरा में मिला रिश्वत का 1 लाख रुपया; असिस्टेंट गिरफ्तार।

पटना :- ज़िलाधिकारी, पटना को भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर के बारे में काफी शिकायत प्राप्त हो रही थी। लोगों द्वारा मौखिक, आवेदन देकर तथा जनता के दरबार में ज़िलाधिकारी कार्यक्रम में भी शिकायत की गयी थी कि म्युटेशन अपील के, भूमि विवाद के डीसीएलआर कोर्ट में जो मामले आ रहे हैं उसमें पैसे की मांग की जाती है। बिना पैसे के आदेश नहीं किया जाता है। ज़िलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर को संपूर्ण मामले पर नज़र रखने तथा मॉनिटरिंग करने का निदेश दिया गया था। उसी के आलोक में आज ज़िलाधिकारी द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर के कार्यालय में रेड किया गया।

आज सूचना मिली थी कि भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर के न्यायालय में दाखिल-खारिज अपील वाद संख्या 72/2023-24 आज ऑर्डर पर था। सीओ, नौबतपुर द्वारा इस दाखिल-खारिज को अस्वीकृत कर दिया गया था। यह मठ की ज़मीन है। उसकी अपील भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर के न्यायालय में की गई थी। उससे भी एक लाख रुपये की मांग की गई थी और वो आज पहुंचाने के लिए आये थे एवं ज़िला को सूचना दे दिए थे।

अपीलकर्ता द्वारा बताया गया था कि लगभग तीन महीना से उनके न्यायालय में यह मामला लंबित है। भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा आदेश पारित नहीं किया जा रहा है। इसके लिए 1,75,000/- रुपये की मांग की जा रही है। अपीलकर्ता द्वारा बहुत विनती करने के बाद तथा अपना गरीब होने का हवाला दिया गया। इस पर उसे बताया कि एक लाख रुपया देने पर आदेश पारित कर दिया जाएगा। अपीलकर्ता द्वारा आज एक लाख रुपया की राशि लायी गयी थी जिसकी सूचना जिलाधिकारी को प्राप्त हुई थी। इस पर जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, दानापुर के साथ आज भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय, दानापुर में छापा मारा गया तथा उनके कार्यालय के कम्प्यूटर ऑपरेटर सुजीत कुमार के आलमीरा से एक लाख रुपया बरामद किया गया। एसडीओ दानापुर को इस मामले में तुरत कार्रवाई करने का निदेश दिया गया।

वही, सुजीत कुमार के गोदरेज में 37 अभिलेख भी मिले जिस पर आदेश दिया जाना था तथा 102 आवेदन भी मिला जिसपर वाद दायर किया जाना था। फ़रियादियों द्वारा यह भी बताया गया था कि डीसीएलआर कार्यालय में कोई भी आदेश पारित करने के लिए पैसे की मांग की जाती है। परिवादियों द्वारा लिखित बयान दिया गया है कि बोरिंग रोड स्थित कैफ़े हाईड आउट में अपीलकर्ताओं को बुलाकर वहीं पर लेन-देन की डील की जाती थी तथा मनोनुकूल आदेश पारित करवाने के लिए पैसा लिया जाता था। जिलाधिकारी द्वारा सुजीत कुमार के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निदेश दिया गया है। उनके आदेश पर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि डीसीएलआर के विरूद्ध भी अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य सहिष्णुता के सिद्धांत का अनुसरण किया जाता है।

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