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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 628 सिंचाई एवं जल संचयन योजनाओं का किया उद्घाटन और शिलान्यास

पटना :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लघु जल संसाधन विभाग के 715 करोड़ रुपये की लागत की 628 सतही सिंचाई एवं जल संचयन योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु जल संसाधन विभाग के द्वारा आयोजित उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को बधाई देता हूं एवं अभिनंदन करता हूं। आज लघु जल संसाधन विभाग की 242 योजनाओं का उद्घाटन एवं 386 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। 99 आहर पईन, 85 तालाब, 22 चेक डैम एवं 36 लिफ्ट सिंचाई योजनाओं का उद्घाटन किया गया है और 222 आहर पईन, 113 तालाब, 22 चेकडैम एवं 29 लिफ्ट सिंचाई योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया है उनका काम भी तेजी से ससमय पूर्ण करें। वर्ष 2006-07 में लघु जल संसाधन विभाग का बजट 262 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 1020 करोड़ रुपये हो गया है। लघु जल संसाधन विभाग की जिम्मेवारी और बढ़ गई है, ग्रामीण इलाकों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की भी जिम्मेवारी है। ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर काम लघु जल संसाधन विभाग के द्वारा कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में सभी पार्टियों के विधायकों एवं विधान पार्षदों के साथ 8 घंटे की मीटिंग कर जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। जल – जीवन – हरियाली का मतलब है जल और हरियाली है तभी सभी का जीवन सुरक्षित है। इस योजना के तहत तालाब, आहर, पईन और कुआं का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। कुआं एवं चापाकल के बगल में जल संचयन को लेकर सोख्ता का भी निर्माण कराया जा रहा है। जंगल एवं पहाड़ी क्षेत्रों में जल संचयन को लेकर चेकडैम का भी निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर 19 जनवरी 2020 को बिहार में अब तक की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गई थी। इस मानव श्रृंखला में 5 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। गंगाजल आपूर्ति योजना के तहत गया, बोधगया एवं राजगीर में गंगा जल पहुंचा दिया गया है। इन इलाकों में लोगों को गंगा का जल शुद्ध पेयजल के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। नवादा में भी इसी वर्ष गंगाजल पहुंचा दिया जायेगा। फल्गू नदी पर गयाजी रबर डैम का निर्माण कराया गया है। इससे श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को काफी सहूलियत हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी भवनों पर छत वर्षा जल संचयन का काम किया जा रहा है। निजी भवनों में भी वर्षा जल संचयन को लेकर लोगों को प्रोत्साहित करें। बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत ही रह गया था। वर्ष 2012 में हमलोगों ने हरियाली मिशन की शुरुआत की। इसके अंतर्गत 24 करोड़पौधा लगाने का लक्ष्य था जिसमें से 22 करोड़ पौधे लगाये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन- हरियाली अभियान के तहत चार सालों में 10 करोड़ 72 लाख पौधे लगाये गये हैं। बिहार का हरित आवरण अब 15 प्रतिशत हो गया है। इसे 17 प्रतिशत पर ले जाना है। आजकल सोशल मीडिया का दौर है। आपलोग सभी चीजों को सोशल मीडिया पर उपलब्ध कराइए। बिहार में कई अच्छे काम किए गए हैं जिसकी चर्चा नहीं की जाती है। जो काम नहीं करते हैं उनकी चर्चा होती है। जल-जीवन-हरियाली अभियान कोई साधारण अभियान नहीं है। इसमें 11 अवयवों को शामिल किया गया है। अमेरिका के बिल गेट्स जब वर्ष 2019 में बिहार आये थे तो यहां से लौटकर जब दिल्ली गए तो उन्होंने बिहार के इस अभियान की काफी तारीफ की थी। वर्ष 2020 में यूनाईटेड नेशन में भी मुझे इस मुद्दे पर अपनी बातें रखने का मौका मिला था। आहर, पईन नेटवर्क का काम बिहार के दक्षिणी इलाके में 5 हजार साल पहले शुरु हुआ था। उस समय के लोग भी इसके महत्व को समझते थे छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने का काम भी चल रहा है। मौसम को लेकर हमलोगों को ज्यादा अलर्ट रहने की जरुरत है। कभी कम वर्षापात एवं कभी ज्यादा वर्षापात होने से किसानों को नुकसान होने पर हमलोग मदद करते हैं

वही, कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव रवि मनुभाई परमार ने संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव रवि मनुभाई परमार ने पुष्प गुच्छ एवं हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान लघु जल संसाधन विभाग की योजनाओं पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।

इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, लघु जल संसाधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, लघु जल संसाधन विभाग की अपर सचिव शैलजा शर्मा उपस्थित थीं, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, विधायकगण, विधान पार्षदगण, विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी सहित लघु जल संसाधन विभाग के अन्य अभियंतागण एवं पदाधिकारीगण जुड़े हुए थे।

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