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शिक्षकों और विशेषकर शिक्षिकाओं के साथ सरकार का भद्दा मजाक: राजेश राठौड़

शिक्षकों और विशेषकर शिक्षिकाओं के साथ सरकार का भद्दा मजाक: राजेश राठौड़

शिक्षा और शिक्षकों को चौपट करके ही छोड़ेंगे मुख्यमंत्री: राजेश राठौड़

शराबबंदी कानून की विफलता छिपाने में शिक्षकों का दुरूपयोग बन्द करें मुख्यमंत्री: राजेश राठौड़

पटना :- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शराबबंदी को सफल बनाने में शिक्षकों और शिक्षिकाओं के द्वारा शराब माफियाओं और धंधेबाजों को ढूंढने सम्बंधित आदेश पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद उच्च शिक्षित व्यक्ति हैं और लगातार कई वर्षों से बिहार के मुखिया हैं, कम से कम उनको कोई भी फैसला लेने से पहले सामाजिक ज्ञान होना चाहिए।

बिहार कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि तीस प्रतिशत से ज्यादा शिक्षिकाएं विभाग में मौजूद हैं और वो अपने गृह जिले से बाहर कार्यरत हैं, ऐसे में वें शराब माफियाओं से उलझकर अपने इज्जत आबरू पर हमला कराएंगी? उन्होंने सवाल किया कि ऐसे में जब पुलिस और उत्पाद विभाग शराब माफियाओं से निपट ही नहीं पा रही है तो ऐसे में बिना संसाधन के शिक्षक और शिक्षिकाओं को उनसे निपटने के लिए सरकार क्यों योजना बना रही है। शिक्षिकाओं पर हमला होने लगेंगे और उनका उस जिले में काम करना मुश्किल हो सकता है, ऐसे में यह तुगलकी फरमान साबित होगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह समझना होगा कि शराबबंदी कानून सामाजिक तौर पर अच्छा कानून होते हुए भी उनके प्रशासनिक सहयोग की कमी के कारण धरातल पर नहीं उतर पा रही है। उन्हें अविलंब शराबबंदी कानून को लेकर समीक्षात्मक काम करने होंगे। कम से कम शिक्षकों को शिक्षा से सम्बंधित कार्यक्रमों में ही लगाया जाएं न कि फालतू के मोरल पुलिसिंग के काम में लगाकर बच्चों के भविष्य और शिक्षा को प्रभावित करे।

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