निकाय चुनाव पर पुनर्विचार याचिका पर बड़ा फैसला, जाने अब क्या फंसा पेंच।
निकाय चुनाव होने का रास्ता साफ, दिसंबर तक चुनाव आयोग करा सकता है चुनाव।
पटना, बिहार में नगर निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आ चुका है। सब कुछ ठीक रहा तो चुनाव आयोग दिसंबर मे करा सकता है निकाय चुनाव।
नगर निकाय चुनावों में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ दिए जाने के मसले पर पटना हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई थी। पटना हाईकोर्ट ने नगर निकाय आरक्षण मामले में दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले को ईबीसी कमीशन के पास भेजने के लिए कहा है और अब ईबीसी कमीशन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के आलोक में रिपोर्ट देना होगा । हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि ईबीसी कमीशन की रिपोर्ट के आने के बाद बिहार के निकाय चुनाव आयोजित कराए जायेंगे ।
राज्य की नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट के आदेश को मानने के वादे के साथ हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिसमे ट्रिपल टेस्ट के लेकर मानने का वादा कर याचिका पर सुनवाई का आग्रह किया गया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनवाई के बाद यह फैसला दिया।हाईकोर्ट में राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपना पक्ष रखा था। आयोग ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय मानकों का पालन कर बिहार में दिसंबर से पहले चुनाव कराने को तैयार है।जिसपे कोर्ट ने कहा कि तो फिर आपने सामान्य सीटों पर क्यों चुनाव निहि कराए जिसपे बिहार सरकार के वकील ने कहा की सिर्फ सामान्य सीटो पर चुनाव करना बेहद कठिन है। वही सरकार के पक्ष ने कोर्ट से चुनाव आयोग पर की गई शख्त टिपण्णी को कारवाही से बाहर करने का अनुरोध किया।बताते चले कि अब राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने के लिए बीते रात बिहार में अति पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर लिया है जो सूबे में उन जातियों का पता लगायेगी जो राजनीतिक पिछडेपन मे जी रही है। राज्य सरकार इसी आयोग का वादा करके हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। उसने हाईकोर्ट मे कहा है कि वह राज्य मे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्रिपल टेस्ट करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
कुणाल भगत