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112 वर्ष का हुआ अपना बिहार , अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली रहा है यहाँ का इतिहास।

सर्वप्रथम 2010 में मनाया गया था बिहार दिवस।

112 वर्ष का हुआ अपना बिहार , अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली रहा है यहाँ का इतिहास।

बिहार जनमत
राजीव रंजन की रिपोर्ट –

– बिहार को 22 मार्च 1912 में ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा एक अलग राज्य के रूप में किया गया था घोषित ।
– सर्वप्रथम 2010 में मनाया गया था बिहार दिवस।
– मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने समस्त प्रदेशवासियों को दी बिहार दिवस की बधाई।
– कई महापुरुषों, साम्राज्यों, योगदानों और आंदोलनों का रहा है जन्मस्थान ।

बिहार दिवस जो हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। बिहार के स्थापना दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य बिहार के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और राजनैतिक विरासत को सम्मानित करना है । बिहार दिवस का मनाना उसके स्थापना दिवस को याद करने के लिए किया जाता है। बिहार को 22 मार्च 1912 में ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा एक अलग राज्य के रूप में घोषित किया गया था । सर्वप्रथम बिहार दिवस 2010 में मनाया गया था। ये बतौर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में ही हुआ था। इस दिन बिहार में विभिन्न कार्यक्रम और समारोहों का आयोजन किया जाता है जो लोगों को एक साथ आने और अपने राज्य की गरिमा को महसूस कराता है और साथ ही साथ लोग अपने राज्य के समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, और विकास को याद करते हैं। यह दिन बिहार के गर्व और समृद्धि को दर्शाने का अवसर भी प्रदान करता है।

वही इस विशेष मौके पर बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने समस्त प्रदेशवासियों को बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी । आशा व्यक्त करते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने कहा बिहार निरंतर प्रगति के पद पर आगे बढ़ता रहेगा और हम सब मिलकर बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे और बिहार के गौरव को हमेशा आगे बढ़ाते रहेंगे ।

हालांकि इस बार लोकसभा चुनाव हेतु लगाए गए आचार संहिता
के कारण इस वर्ष बिहार दिवस के अवसर पर किसी प्रकार के कोई राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे, हालांकि सभी जिलों में स्थानीय प्रशासन के निर्देशानुसार कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे ।


वहीं अगर बिहार की बात करें तो बिहार का इतिहास बहुत प्राचीन है और यह कई संस्कृति और समाज के विकास के प्रमुख केंद्रों में से एक रहा है। बिहार का ऐतिहासिक निर्माण अनेक प्राचीन सम्राटों और साम्राज्यों जैसे मौर्य, गुप्त, पाल, सेना, वैजयन्ती, मुगल, और ब्रिटिश साम्राज्य के शासनकाल के दौरान हुआ। बिहार के इतिहास में मौर्य साम्राज्य का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
मौर्य साम्राज्य के समय में, बिहार एक प्रमुख शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्र था, और सम्राट अशोक द्वारा बुद्ध धर्म के प्रचार का कार्य यहाँ से ही आरंभ हुआ था।
बिहार का इतिहास गुप्त साम्राज्य के समय में भी उत्तर भारत के राजनैतिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण था।
12वीं और 13वीं सदी में पाल और सेन शासकों के शासनकाल में, बिहार कला, संस्कृति, और शैक्षिक क्षेत्र में उत्कृष्टता की ऊंचाइयों को छू गया।
ब्रिटिश शासनकाल में, बिहार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया। यहाँ से ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने नेतृत्व किया।

बिहार के इतिहास का एक उदाहरण यह भी है कि यह राज्य एक अत्यंत धर्मनिरपेक्ष, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता का केंद्र रहा है, जो उसके इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में दिखता है। बिहार ने भारतीय सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत को बहुतायत योगदान दिया है जैसे कि –
* धर्म और दर्शन: बिहार ने बौद्ध धर्म का अवलोकन और प्रचार किया, जिसमें गौतम बुद्ध का जन्म स्थल बोधगया शामिल है। इसके अलावा, बिहार ने जैन धर्म, हिन्दू धर्म, और सिख धर्म का भी स्वागत किया और विकास का मंच प्रदान किया है।
* शिक्षा: बिहार ने अपने ऐतिहासिक शिक्षा केंद्रों के माध्यम से ज्ञान के खजाने को बढ़ावा दिया है, जैसे कि नालंदा, विक्रमशीला, वैशाली आदि।
* साहित्य और कला: बिहार का साहित्य और कला धरोहर विश्वस्तरीय है। मिथिला पैंटिंग, मैथिली और भोजपुरी साहित्य, और बिहारी लोक संगीत इसका अभिन्न हिस्सा हैं।
* स्वतंत्रता संग्राम: बिहार ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहाँ से कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने नेतृत्व किया ।
* सामाजिक सुधार: बिहार ने सामाजिक सुधार के क्षेत्र में भी अहम योगदान दिया है, जैसे कि महात्मा गांधी के चरणों में स्वच्छता अभियान का प्रारंभ किया गया था।
इन सभी कारणों से बिहार ने भारतीय सभ्यता, सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहर, शिक्षा, और स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
साथ ही साथ बिहार ने अपने इतिहास में कई महापुरुषों को भी जन्म और ज्ञान दिया है, जिनका योगदान भारतीय समाज और संस्कृति में महत्वपूर्ण रहा है।

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