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नीतीश कुमार समाज सुधार के नाम पर पत्रकार को धमकाने और कोविड नियमों का उल्लंघन ना करें – एजाज अहमदबीबी

नीतीश कुमार समाज सुधार के नाम पर पत्रकार को धमकाने और कोविड नियमों का उल्लंघन ना करें – एजाज अहमदबीबी

पटना : बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा समाज सुधार अभियान के क्रम में आज मुजफ्फरपुर में पत्रकारों और मीडिया पर भड़कने और उन्हे बाहर जाने बात पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज बने चौथे स्तंभ को सच्चाई दिखाने और लोगों से रूबरू नहीं होने देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा भड़कना यह दर्शाता है कि वह कितने दबाव में कार्य कर रहे हैं।
इन्होने कहा कि शराबबंदी के नाम पर बिहार में सिर्फ खानापूरी ही हो रहा ,है क्योंकि जिस मंच से वह समाज सुधार की सभा को संबोधित किया जा रहा है उस मंच पर बिहार सरकार के मंत्री मौजूद रहे जिनके भाई के स्कूल और आवास से दो ट्रक शराब पकड़े जाने के बावजूद उनसे पूछताछ नहीं हूई और न ही गिरफ्तारी होना और दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में जो बड़े लोग संलिप्त रहे उनकी गिरफ्तारी नहीं होना इस अभियान को लेकर लोग सवाल कर रहे हैं कि नीतीश कुमार जी किसके लिए समाज सुधार अभियान चला रहे हैं ।जब वह बालिका गृह कांड के मासूमों की सिसकियों की आवाज़ को ही दबाने वाले लोगों को बचाने में लगे हुए हैं और कहीं ना कहीं दबाव के कारण ही उन शराब माफियाओं के संरक्षक को अपने मंत्रिमंडल से नहीं हटा पा रहे हैं, जो शराबबंदी अभियान को विफल करने में सरकार के अंदर से सहयोग करने का काम कर रहे हैं।
एजाज ने आगे कहा कि नीतीश कुमार जी ने जब कल आईएमए की सभा में यह मान लिया है कि बिहार में तीसरी लहर कोरोना की आ चुकी है, तब भी वह कोविड नियमों का उल्लंघन करके समाज सुधार के नाम पर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ क्यों कर रहे हैं ? अगर विपक्ष की ओर से इस तरह का कार्यक्रम हो रहा होता तो स्थानीय प्रशासन ही उस कार्यक्रम को रोक दिया होता। जब बिहार में कोविड अधिनियम के तहत बड़े-बड़े पार्क ,चिड़ियाघर और रेस्टोरेंट्स तथा मॉल पर पाबंदी लगा दी गई है, तो आखिर क्या कारण है कि मुख्यमंत्री जी समाज सुधार के नाम पर इन पाबंदियों का उल्लंघन कर रहे हैं । ज्ञात हो कि पहली और दूसरी लहर के दौरान बिहार में जिस तरह से मौतें हुई ऑक्सीजन तथा दवाओं के अभाव में । और लोग तड़प रहे थे तब उससे सबक लेकर राज्य सरकार अब तक सजग क्यों नहीं है । इन्होंने ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी आप बिहार को इस महामारी से बचाने के अभियान में लगे, क्योंकि जान है तो जहान है इस नारा पर अमल करके ही समाज भी सुधर सकता है और लोगों का जीवन भी बच सकता है शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार अपने इकबाल को दिखाएं प्रशासनिक स्तर पर बॉर्डर से आने वाले शराब को रोकने का मजबूत किलाबंदी खरीद सिर्फ बयानबाजी और अभियान से शराबबंदी सफल नहीं हो सकता है ।

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