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माले विधायक दल ने सावित्री बाई फुले को किया याद बदलाव की चल रही लड़ाई में उनके विचार हमारे हथियार

माले विधायक दल ने सावित्री बाई फुले को किया याद
बदलाव की चल रही लड़ाई में उनके विचार हमारे हथियार

देश की पहली महिला शिक्षिका, समाज सुधारक व क्रांतिकारी सावित्री बाई फुले के जन्म दिन पर आज भाकपा-माले विधायक दल की बैठक में उनके संघर्षों को याद किया गया और आज शिक्षा, लड़कियों व कमजोर वर्ग पर लगातार हो रहे हमले के खिलाफ संघर्ष को आगे बढाने का संकल्प लिया गया.

आज के इस कार्यक्रम में माले विधायक दल के प्रभारी राजाराम सिंह, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, सत्यदेव राम, वीरेंद्र गुप्ता, संदीप सौरभ, रामबली सिंह यादव, मनोज मंजिल, गोपाल रविदास, अरुण सिंह और अमरजीत कुशवाहा ने सावित्री बाई फुले के चित्र पर फूल चढ़ाकर उनके संघर्षो को याद किया. मौके पर कुमार परवेज व उमेश सिंह भी उपस्थित थे.

इस अवसर पर राजाराम सिंह ने कहा कि समाज की लांक्षणा सहकर, यहां तक कि पत्थर सहकर सावित्री बाई फुले ने ज्योतिबा राव फुले और शेख फातिमा के साथ मिलकर समाज की रूढ़ियों पर चोट किया, लड़कियों के लिए कई स्कूल खोले. यह क्रान्तिकारी कदम था और इसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा.

सावित्री बाई फुले और शेख फातिमा की जोड़ी ने साझी विरासत की परंपरा को आगे बढ़ाया, जो सिलसिला 1857 से शुरू हुआ था. साझी विरासत की वही परम्परा सावित्री बाई और शेख फातिमा में दिखतीहै.

आज जब एक बार फिर से समाज में भाजपा-आरएसएस के नेतृत्व में दकियानूसी विचार हावी हो रहा है, लड़कियों की आजादी को बाधित किया जा रहा है, वैज्ञानिक चिंतन की जगह अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है, सावित्री बाई फुले का चिंतन व संघर्ष बदलाव के लिए चल रही लड़ाई को मजबूती देगा.

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