नीम हकीम , झोला छाप डॉक्टर , वैद्य , झाड़ – फूक से गर्भपतन करना गैर कानूनी
जीविका दीदियों को सुरक्षित गर्भपात के तरीके से कराया गया अवगत
फुलवारी शरीफ । प्रखण्ड के मुर्गिया चक गांव में जीविका दीदीयों के बैठक में शामिल होकर आईपास डेभलप्मेन्ट फाउडेशन संस्था के अन्वेषण पदाधिकारी विजया लक्ष्मी ने महिला यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य की जानकारी दी । सुरक्षित गर्भपतन 20 सप्ताह तक प्रशिक्षित डॉक्टर से सरकारी अस्पताल या सरकार से मान्यता प्राप्त अस्पताल में मुप्त कराया जा सकता है । आगे बताया की नीम हकीम , झोला छाप डॉक्टर , वैद्य , झाड़ – फूक से गर्भपतन करना गैर कानूनी है । उन्हें बताया गया की आठ प्रकार के गर्भनिरोधक साधनों में से किसी एक का इस्तेमाल करने पर गर्भ ठहर जाता है तो 7 सप्ताह तक गोलियों तथा तीन माह या 12 सप्ताह तक एम ० भी 0 ए 0 से गर्भ समापन कराया जा सकता है । भ्रूण के विकृत विकास की स्थिति में भी गर्भ समापन कानून वैद्य है । शारीरिक एवं मानसिक रूप से बीमार तथा खास किस्म के दिव्यांग गर्भवती का गर्भ समापन भी कानून वैद्य माना गया है । लिंग जांच में भ्रूण को बच्ची होने पर गर्भ समापन पूर्णतः गैर कानूनी है इसमें सजा का प्रावधान है । महिलाओं को शरीर पर केवल और केवल स्वयं महिला का ही अधिकार है वह बच्चा पैदा करेगी या नहीं बहुत सारी धात्री मां को यह अज्ञानता है कि प्रसव के बाद छः माह तक शिशु को मां का दूध पिलाने से गर्भ नहीं ठहरता हैं । असलियत यह है कि प्रसव के 15 दिनों के बाद ही महिला गर्भ धारण कर सकती है । इसकी सावधानी महिलाओं को रखनी चाहिए । समता ग्राम सेवा संस्थान के अनुसंधान पदाधिकारी विजया लक्ष्मी ने उपस्थित 40 जीविका दीदीयों से सुरक्षित गर्भसमापन के लिए हाथ उठाकर जागरण करने का संकल्प लिया । जिसमें जीविका के पदाधिकारी पिंकी कुमारी ( सी ० एम ० ) एवं अंजु देवी समूह भी उपस्थित थें । कार्यक्रम में समता ग्राम सेवा संस्थान के महामंत्री रघुपति भी उपस्थित रहे ।