
PATNA : बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा जी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी द्वारा विद्युत विनमायक द्वारा बढ़ाये गए बिजली दर का बोझ आम लोगों पर नहीं पड़े इसके लिए 13414 करोड़ रुपया सब्सिडी के रूप में खर्च करने की सराहनीय घोषणा की है। परन्तु केंद्र सरकार बिहार के साथ लगातार दोहरी नीति अपनाती रहती है, जो उनकी बिहार के प्रति सोच और इसकी घोर उपेक्षा करने का स्पष्ट प्रमाण है। केंद्र सरकार को अविलम्ब ‘वन नेशन वन इलेक्ट्रिक रेट’ लागू करना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि माननीय मुख्यमंत्री लगातार यह बात कहते रहे हैं कि ‘वन नेशन वन इलेक्ट्रिक टैरिफ’ लागू किया जाए पर ग़रीब राज्य बिहार के साथ लगातार सौतेला व्यवहार करने वाली केंद्र सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। आज जहां एक ओर मध्यप्रदेश को 3.49 रूपये प्रति यूनिट, गुजरात को 3.74, महाराष्ट्र को 4.32 और राजस्थान को 4.46 रूपये प्रति यूनिट के दर से बिजली मिलती है, वहीं बिहार को 5.82 रूपये प्रति यूनिट के दर से मिलती है। केंद्र सरकार बिहार के आम लोगों के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों करती है, इसका जवाब उसे देना चाहिए। जबकि राज्य सरकार 13,114 करोड़ सब्सिडी देने जा रही है, इसके पहले 8,895 करोड़ रुपए का भार वहन करती थी।
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में नीतीश कुमार की सरकार ने अभूतपूर्व काम किया और मुख्यमंत्री जी ने अपने संकल्प के अनुरूप लक्ष्य को प्राप्त भी किया। नीतीश कुमार जी ने सूबे की जनता से वायदा किया था कि हम बिजली की स्थिति में सुधार लाएंगे, यही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि बिजली की व्यवस्था में अगर पूरे तौर पर सुधार नहीं कर पाएंगे तो 2015 में वोट मांगने तक नहीं जायेंगे। सुधार का प्रमाण है कि 2005 से पहले जहां उपभोक्ताओं की संख्या मात्र 24 लाख थी, अब यह बढ़कर एक करोड़ 61 लाख 82 हजार हो गयी है। पहले जहां मात्र 700 मेगावाट बिजली की खपत होती थी, आज लगभग 6 हजार मेगावाट की खपत होती है। बिहार में प्रतिव्यक्ति ऊर्जा खपत 86 यूनिट से बढ़कर आज 332 यूनिट हो गई है। सरकार ने ऑनलाइन बिजली बिल पेमेंट की सुविधा देने के साथ ही उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण हेतु सुविधा एप की भी शुरुआत की है।