सरकार का बेतूका फरमान
पटना :- राजद ने शिक्षकों को शराब ढूंढने का टास्क सौंपे जाने के आदेश को बेतूका फरमान बताते हुए अविलम्ब इसे वापस लेने की माँग की है।
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि सरकार द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यपकों , शिक्षकों , शिक्षिकाओं , शिक्षा सेवकों , शिक्षा सेवकों ( तालीम मरकज ) के साथ हीं विधालय शिक्षा समिति के सदस्यों को गुपचुप तरीके से शराब पीने वालों और आपूर्ति करने वालों का पता लगाकर मधनिषेध विभाग को सुचित करने का आदेश जारी किया गया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षकों के लाखों-लाख पद रिक्त रहने के कारण विधालयों में सही ढंग से पढ़ाई नही हो रहा है। पहले से हीं शिक्षकों से कई अन्य काम लिए जाते रहे हैं । कभी – कभी तो शिक्षकों की कमी की वजह से कई विधालयों में ताला लटका रहता है। सरकार के इस नये फरमान से तो शिक्षा व्यवस्था हीं पूर्ण रूप से ठप हो जायेगा। सरकार को बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा महत्वपूर्ण काम शराबबंदी हीं दिखाई पड़ रहा है। क्योंकि सरकारी विधालयों में तो ज्यादातर गरीबों के बच्चे हीं पढते है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर सरकार केवल तमाशा कर रही है। इस सरकार को शराबबंदी के नाम पर तमाशा करने के अलावा और दूसरा कोई काम हीं नहीं है। सारा पुलिस प्रशासन इसी में लगा हुआ है फिर भी शराब का अवैध कारोबार चल हीं रहा है।