क्राइमपटनाबिहारराजनीति

बालू माफियाओं के खिलाफ हर बार खाली हाथ क्यों रह जाती है सरकार: राजेश राठौड़

बालू माफियाओं के खिलाफ हर बार खाली हाथ क्यों रह जाती है सरकार: राजेश राठौड़

बालू माफियाओं पर छापे मारकर खुद को क्लीन चिट देती है राज्य सरकार: राजेश राठौड़

पटना :- बालू खनन के दोबारा शुरू होते ही बालू माफिया राज को ध्वस्त करने के नाम पर सरकार की छापेमारी शुरू हो चुकी है। 1597 स्थानों पर की गई छापेमारी में केवल 190 गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश सरकार को गलतियां तो 1597 स्थानों पर दिखी हैं तभी छापेमारी की गई है। लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था के पंगु होने से छापेमारी में पुलिस खाली हाथ रह जा रही है। एफआईआर की संख्या देख ली जाये तो और भी हास्यास्पद है जो कि केवल 366 जगहों पर ही हुई है। ये बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कही। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार को चूंकि गड़बड़ी की रिपोर्ट तो आ रही है लेकिन कम गिरफ्तारी उनके पंगु पुलिस व्यवस्था की देन है या फिर वें कम गिरफ्तारी दिखाकर खुद को क्लीन चिट देने का प्रयास कर रही है।

बिहार प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि बालू माफियाओं के सामने राज्य की सरकार फेल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि दारू माफियाओं के तर्ज पर ही बालू माफियाओं ने भी अपना पुलिसिया जुगाड़ से विस्तृत सिंडिकेट तैयार कर लिया है। नीतीश सरकार की छापेमारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि गलतियां 1597 स्थान पर हो रही हैं लेकिन गिरफ्तारियां जो मात्र 190 हैं, बता रही है कि माफियाओं के कृत्यों पर पर्दा डालने के एवज में गिरफ्तारियां कम की जा रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि 12 जिलों में तो कोई एफआईआर तक नहीं हुआ और 36 जिलों में बालू माफियाओं को क्लीन चिट देते हुए एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई। इससे स्पष्ट होता है कि दारू माफिया की तरह बालू माफिया के आगे भी राज्य सरकार घुटने टेक चुकी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *