उर्दू काफी मीठी जुबान; इसके विकास के प्रति हम सभी प्रतिबद्धः डीएम
पटना :- जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि उर्दू काफी मीठी जुबान है। यह दिल की जुबान है। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला उर्दू भाषा कोषांग द्वारा आयोजित जिला-स्तरीय सेमिनार, मुशायरा एवं कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उर्दू जुबान की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए डीएम डॉ. सिंह ने कि उर्दू सिर्फ जुबान ही नहीं, बल्कि एक कल्चर भी है। यह संस्कृति है भाईचारे का, मोहब्बत का एवं ईमान का। उन्होंने कहा कि उर्दू के संरक्षण, संवर्द्धन एवं प्रोत्साहन के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। सेमिनार में जो भी सुझाव आया है उसे अमल में लाने की पूरी कोशिश की जाएगी। विद्यालयों में शुरू से ही पढ़ाई होने पर बच्चों को आसानी से सिखाया जा सकता है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बुद्धिजीवी वर्ग को उर्दू भाषा के विकास में ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में वर्तमान में हुए परिवर्तन को भी स्थान देना चाहिए तथा अन्य विषयों एवं भाषा को भी समाहित करना चाहिए ताकि बच्चों को समसामयिक जानकारी मिल सके।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि उर्दू के प्रति उनका काफी स्नेह है। उन्होंने अपनी प्रशिक्षण अवधि में मसूरी स्थित अकादमी में उर्दू का ही चयन किया था। शिक्षक अरशद साहब ने बहुत अच्छे ढंग से सिखाया था। आगे भी वे उर्दू सिखने की प्रक्रिया को जारी रखेगें।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि ‘‘मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना’’। हम सबको अपनी संस्कृति, अपनी भाषा पर गर्व करते हुए एक-दूसरे के कल्चर एवं जुबान को भी आदर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उर्दू गंगा-जमुना तहजीब की जुबान है। इससे आपस में भाईचारा का मार्ग प्रशस्त होता है।
इससे पहले जिलाधिकारी, डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, अपर समाहर्त्ता, विशेष कार्यक्रम नौशाद अहमद, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी अशोक कुमार दास, पूर्व प्रो वाईस चांसलर, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय एवं प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. तौकीर आलम एवं अन्य द्वारा दीप-प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। छात्रों एवं छात्राओं द्वारा उर्दू जुबान की अहमियत पर उम्दा प्रस्तुति* दी गई। नामी-गिरामी कवियों, शायरों, पत्रकारों, साहित्यकारों, शिक्षकों तथा प्राध्यापकों द्वारा आलेख पाठ, कविता पाठ, मुशायरा तथा इजहार-ए-ख्याल पेश किया गया। डीएम डॉ. सिंह द्वारा उर्दू भाषा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों एवं अन्य लोगों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर इस तरह का कार्यक्रम किया जाएगा। उर्दू भाषा के विकास के प्रति हम सभी सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध हैं।
इस अवसर पर इमरान सगीर, वरिष्ठ पत्रकार, शबाना खातून, असि0 प्रोफेसर, हाजीपुर, वैशाली, सुरैया जबीं, वरिष्ठ पत्रकार, अतीकुर्रहमान ‘शाबान’, वरिष्ठ पत्रकार, सुमैया फातमी, साहित्यकार एवं शिक्षिका,उपस्थित थे।
कवि गोष्ठि में खलिद अबादी, मुमताज़ राना, नसर बल्ख़ी, अरुण कुमार आर्या, मोईन गिरीडीहवी, रश्मि गुप्ता, डॉ नईम सबा, वारिस इस्लामपुरी, मीर सज्जाद तथा नुसरत प्रवीण शामिल हुए।
जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा उर्दू जुबान की अहमियत पर प्रस्तुति देने वाले छात्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।।