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भूमि सर्वेक्षण में कैथी से हो रहे परेशान, सरकार ने निकाल दिया निदान।

भूमि सर्वेक्षण में कैथी समझने की जद्दोजहद का विभाग ने निकाला निदान, सर्वे अमीन और कानूनगो अब सीखेंगे कैथी ।


पटना,बिहार में हो रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम के तहत प्रपत्र 5 के निपटारे में कैथी भाषा जी का जंजाल बना हुआ है। इसका कारण ये है कि कैडेस्ट्रल सर्वे के खतियान कैथी में हैं और जानकारी के आभाव में या यूं कहें की दुर्भाग्यवश विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके कैथी भाषा को पढ़ने में अधिकतर सर्वे कर्मियों के पसीने छूट रहे हैं। वहीं अब जमीन सर्वे के काम में कैथी भाषा अड़चन नहीं बनेगी।क्योंकि विशेष सर्वेक्षण में कैथी भाषा की जद्दोजहद से निपटने के लिए भू – अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने भी मुक्कमल व्यवस्था कर ली है। इस बाबत भू – अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक जे. प्रियदर्शनी ने पिछले 01 अक्टूबर 2024 को एक पत्र जारी कर सिवान, सारण, मुंगेर और जमुई जिले में जमीन सर्वे में कार्यरत अमीन और कानूनगो को तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण देने के का निर्देश दिया है। बकायदा इसके लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के रिसर्च स्कॉलर प्रीतम कुमार और जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के स्नातक के छात्र वकार अहमद को प्रशिक्षक के रूप में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।वहीं भू – अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे. प्रियदर्शनी ने पत्र के माध्यम से संबंधित चारों जिलों के जिला बंदोबस्त पदाधिकारी को जिला मुख्यालय में प्रशिक्षण कक्ष, खानपान एवं आवासन की सुविधा के अलावा अन्य आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वहीं उन्होंने जिला बंदोबस्त पदाधिकारी को प्रशिक्षक के मानदेय का भुगतान ससमय करने के लिए प्रशिक्षण समाप्ति के बाद आवश्यक कागजात और संबंधित रिपोर्ट निदेशालय को जल्द भेजने का आदेश दिया है।

सिवान, सारण, मुंगेर और जमुई में तीन दिवसीय कैथी प्रशिक्षण का ये शेड्यूल।

भूमि सर्वेक्षण में लगे हुए अमीन और कानूनगो को तीन दिवसीय कैथी की ट्रेनिंग देने के लिए भू – अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा पूरा शेड्यूल तैयार कर ली गई है।सिवान जिला को तीन अक्टूबर से शुरू हुए पहले फेज में रखा गया है । जिसका समापन पांच अक्टूबर को होगा । जबकि सारण को 07 अक्टूबर से 09 अक्टूबर तक होने वाले दूसरे फेज में शामिल किया गया है।इसी प्रकार मुंगेर को 15 – 17 अक्तूबर तक होने वाले तीसरे फेज और जमुई में चौथे एवं अंतिम चरण में प्रशिक्षण होना है।जमुई में 19 अक्तूबर से 21 अक्तूबर तक प्रशिक्षण होना है। जबकि प्रशिक्षण कार्यक्रम चारों जिलों में एक समान है।प्रत्येक शिफ्ट डेढ़ – डेढ़ घंटा का होगा| यानी की कुल चार शिफ्ट रोजाना होगा जो पूरे 6 घंटा का है। पहला शिफ्ट 10:30 पूर्वा0 से 12:00 अप0, दूसरा शिफ्ट 12:00 अप0 से 1:30 अप0 तक और 1:30 अप0 से 2:30 अप0 भोजनावकाश, तीसरा शिफ्ट 2:30 अप0 से 4:00 अप0 तक एवं चौथा और अंतिम शिफ्ट 4:00 अप0 से 5:30 अप0 तक का होगा।पहला दिन पहले से अंतिम शिफ्ट तक केवल मिथिला प्रक्षेत्र के कैथी लिपि की ट्रेनिंग दी जाएगी, जबकि दूसरे दिन भी पहले से अंतिम शिफ्ट में कैथी लिपि, मगध प्रक्षेत्र का प्रशिक्षण मिलेगा।वहीं अंतिम दिवस भोजपुरी प्रक्षेत्र की कैथी लिपि का प्रशिक्षण दिया जायेगा।प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी संबंधित जिलों के सर्वे अमीन और कानूनगो को शामिल होने केए आदेश दिया गया है| इस संबंध में प्रशिक्षक वकार अहमद ने बताया कि वे काफी खुश हैं कि कैथी लिपि सिखाने का उन्हें मौका मिला है।उन्होंने कहा कि अगर वाकई में ईमानदारी से मेहनत किया जाए तो तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वर और व्यंजन वर्णों को जानकर ट्रेनी बखूबी कैथी के दस्तावेज पढ़ सकेंगे।हालांकि उन्होंने कहा की तीन महीने के नियमित अभ्यास से कोई भी बारीकी से कैथी भाषा में लिखे दस्तावेज पढ़ और समझ सकते हैं।यहां तक कि वे खुद से लिख भी लेंगे ।

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