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पटना नगर निगम के मतदान की तैयारी पूरी, किसी भी तरह की अव्यवस्था फैलाने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा: डीएम

*आम जनता से निर्भीक होकर मताधिकार का प्रयोग करने का डीएम ने किया आह्वान

*स्वच्छ, निष्पक्ष एवं भयमुक्त वातावरण में मतदान सम्पन्न कराना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताः डीएम

*सभी पदाधिकारी सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहेंः डीएम

पटना : जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका)-सह-जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि नगरपालिका आम निर्वाचन, 2022 के अवसर पर द्वितीय चरण में पटना नगर निगम हेतु दिनांक 28.12.2022 (बुधवार) को निर्धारित मतदान की सम्पूर्ण तैयारी है। स्वच्छ, निष्पक्ष एवं भयमुक्त वातावरण में मतदान सम्पन्न कराना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहें।

विदित हो कि डीएम डॉ. सिंह द्वारा पटना नगर निगम मतदान हेतु आज पीसीसीपी योगदान स्थल गाँधी मैदान, पटना तथा ईवीएम प्राप्ति स्थल राजकीय बांकीपुर गर्ल्स उच्च माध्यमिक विद्यालय, गोलघर का निरीक्षण किया गया एवं पदाधिकारियों को आवश्यक निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मतदान का समय 07.00 बजे पूर्वाह्न से 05.00 अपराह्न तक है। *राज्य निर्वाचन आयोग के निदेशों के अनुसार सभी व्यवस्था की गई है।* द्वितीय चरण में पटना नगर निगम के *तीन पद- पार्षद, उप मुख्य पार्षद एवं मुख्य पार्षद-* का निर्वाचन ईवीएम के माध्यम से कराया जाना है। मतदान कक्ष में प्रवेश करने के पश्चात *कोई भी मतदाता सारी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए आसानी से अपना वोट* डाल सकें, इसके लिए मतदान कक्ष में *तीन रंगों* का वोटिंग कम्पार्टमेंट बनाया गया हैः- पार्षद पद हेतु उजला, उप मुख्य पार्षद पद हेतु स्काई ब्लू रंग एवं मुख्य पार्षद पद हेतु पीला रंग। पटना नगर निगम के 75 वार्ड में 1891 मतदान केन्द्रों का निर्माण किया गया है। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर मतदान दल में *कुल छः मतदान पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इसमें पीठासीन पदाधिकारी, प्रथम मतदान पदाधिकारी (पी1), द्वितीय मतदान पदाधिकारी (पी2), तृतीय मतदान पदाधिकारी ए (पी3ए), तृतीय मतदान पदाधिकारी बी (पी3बी) एवं तृतीय मतदान पदाधिकारी सी (पी3सी) शामिल हैं। मतदान केन्द्रों पर 28 दिसम्बर को स्वच्छ, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण एवं निर्भीक वातावरण में मतदान कराने के लिए 628 पीसीसीपी (गश्ती-सह-ईवीएम संग्रह दंडाधिकारी) की प्रतिनियुक्ति की गई है। पीसीसीपी द्वारा आज गाँधी मैदान में योगदान के बाद राजकीय बांकीपुर गर्ल्स उच्च माध्यमिक विद्यालय, गोलघर से ईवीएम प्राप्ति के पश्चात पीठासीन पदाधिकारी को उनके मतदान केन्द्र पर ईवीएम, ग्रीन पेपर सील, स्ट्रिप सील, स्पेशल टैग इत्यादि निर्वाचन सामग्री उपलब्ध कराया जाएगा।

120 मतदान केन्द्रों से लाईव वेबकास्टिंग किया जाएगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि *पटना नगर निगम चुनाव हेतु 123 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 15 जोनल मजिस्ट्रेट, 06 सुपर जोनल मजिस्ट्रेट, 29 थाना-स्तरीय क्यूआरटी, 07 अनुमंडल-स्तरीय क्यूआरटी, 03 जिला-स्तरीय क्यूआरटी तथा 628 पीसीसीपी तैनात किए गए हैं। नगर निगम पटना अंतर्गत जिलों से सटे 33 चेकपोस्ट प्वाईंट/नाका का निर्माण किया गया है। मतदान प्रक्रिया पर सतत निगरानी रखने हेतु जिला नियंत्रण कक्ष (0612-2210015) दो पाली में 24*7 सक्रिय रहेगा। इसके अतिरिक्त वार्डवार तथा निर्वाची पदाधिकारी स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष सक्रिय रहेगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रशासन की सभी मतदान केन्द्रों पर नजर रहेगी।* सभी मतदान केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में स्टैटिक फोर्स एवं मजिस्ट्रेट प्रतिनियुक्त किए गए हैं। गश्ती दल द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जाएगी। कहीं भी किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो इसके लिए सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र अलर्ट है। स्पेशल पेट्रोलिंग टीम एवं क्यूआरटी भी तैनात किया गया है। *किसी भी प्रकार की सूचना मिलने पर पाँच से सात मिनट के अंदर स्थल पर पहुँच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

डीएम डॉ. सिंह ने मतदाताओं से बिना किसी भय या प्रलोभन के अपने मताधिकार का प्रयोग* करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उड़न दस्ता (फ्लाईंग स्क्वायड) तथा स्थैतिक निगरानी दल सक्रिय है। असामाजिक तत्वों द्वारा निर्वाचकों को डराने, धमकाने, प्रभावित करने और प्रलोभन देने के सभी प्रयासों को उड़न दस्ता (फ्लाईंग स्क्वायड) तथा स्थैतिक निगरानी दल द्वारा विफल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्वाचकों को प्रभावित करने के लिए नकदी या घूस की कोई भी वस्तु का वितरण या बाहुबल का इस्तेमाल करना आईपीसी की धारा 171(ख) और धारा 171(ग) के अंतर्गत अपराध है*। असामाजिक तत्वों के विरूद्ध सख्त-से-सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मतदान केन्द्र के 200 मीटर की दूरी की परिधि में किसी अभ्यर्थी या उनके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा कोई निर्वाचन केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। जहाँ एक ही परिसर में एक से अधिक मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं, वैसेेे मतदान केन्द्रों के समूह के लिए परिसर के 200 मीटर के बाहर एक अभ्यर्थी मात्र एक ही निर्वाचन केन्द्र स्थापित कर सकेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 की सुसंगत धाराओं के अधीन प्राथमिकी दर्ज की जाएगी*।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि नगरपालिका आम निर्वाचन, 2022 के दौरान *मतदान के दिन मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने* के लिए बिहार नगरपालिका निर्वाचन नियमावली, 2007 (यथा संशोधित) के नियम 63 एवं 64 मतदाताओं की पहचान से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। इस नियम के उप नियम (1) के अनुसार पीठासीन पदाधिकारी आयोग द्वारा यथानिर्देशित अभिलेखों, कागजातों/ प्रमाण-पत्रों/इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के आधार पर किसी मतदाता की पहचान विनिश्चित कराएगा। राज्य निर्वाचन आयोग के निदेशों के अनुसार मतदान के दिन मतदाताओं की पहचान हेतु *प्राथमिक दस्तावेज के रूप में निर्वाचक फोटो पहचान पत्र को आधार* माना जाएगा। जिन मतदाताओं के निर्वाचक फोटो पहचान पत्र नहीं बन पाए हैं अथवा जो मतदाता विशेष कारणवश अपना फोटो पहचान पत्र मतदान तिथि को पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उनके लिए *निम्नांकित 16 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज* प्रस्तुत करना अनिवार्य होगाः-

1. आधार कार्ड;

2. फोटोयुक्त पेन्शन दस्तावेज जैसे कि भूतपूर्व सैनिक पेन्शन बुक/पेन्शन अदायगी आदेश/भूतपूर्व सैनिक की विधवा/आश्रित प्रमाण-पत्र/वृद्धावस्था पेन्शन आदेश/विधवा पेन्शन आदेश;

3. श्रम मन्त्रालय योजना अन्तर्गत जारी फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना स्मार्ट कार्ड;

4. एम.एन.आर.ई.जी.एस. (मनरेगा) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के अधीन जारी फोटोयुक्त जॉब कार्ड;

5. सक्षम पदाधिकारी द्वारा जारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग का फोटोयुक्त जाति प्रमाण-पत्र;

6. बैंको/डाकघरों द्वारा जारी की गयी फोटोयुक्त पासबुक;

7. आयकर पहचान पत्र (पैन कार्ड);

8. राज्य/केन्द्र सरकार के कार्यालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्थानीय निकाय या पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किये जाने वाले फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र;

9. ड्राईविंग लाईसेंस;

10. सांसदों/विधायकों/पार्षदों को जारी किये गये आधिकारिक पहचान पत्र;

11. फोटोयुक्त स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र;

12. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त शारीरिक दिव्यांगता प्रमाण-पत्र;

13. फोटोयुक्त शस्त्र लाईसेंस;

14. पासपोर्ट

15. फोटोयुक्त सम्पत्ति दस्तावेज यथा पट्टा, रजिस्ट्रीकृत केवाला इत्यादि;

16. मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्था द्वारा जारी शिक्षक/शिक्षकेत्तर कर्मी/विद्यार्थी फोटोयुक्त पहचान पत्र।

उपर्युक्त दस्तावेजों की मान्यता तभी दी जायेगी, जब वे मूल रूप में प्रस्तुत किये जायें। पहचान हेतु दस्तावेज की फोटो कॉपी प्रस्तुत करने पर उसे पीठासीन पदाधिकारी द्वारा किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जायेगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पीठासीन पदाधिकारियों द्वारा निर्वाचक पहचान पत्र में निर्वाचक के नाम, पिता/माता/पति का नाम, लिंग, आयु या पता से संबंधित प्रविष्टियों में मामूली अथवा साधारण विसंगतियों को नजरअंदाज कर निर्वाचकों को मत देने की अनुमति दी जानी चाहिए, जबतक कि उस पहचान पत्र से निर्वाचक की पहचान स्थापित होती है। मतदाता सूची में यथादर्शित निर्वाचक पहचान पत्रों की क्रम संख्या में कोई विसंगति भी नजर अंदाज कर दी जायेगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सेक्टर मजिस्ट्रेट को सेक्टर मजिस्ट्रेट एन्ड्रॉयड मोबाइल ऐप, पेट्रोलिंग-कम-कलेक्टिंग पार्टी को पीसीसीपी एन्ड्रॉयड मोबाइल ऐप, पीठासीन पदाधिकारी को प्रेजायडिंग ऑफिसर एन्ड्रॉयड मोबाइल ऐप, एवं *पी3सी को डीपीएस (डिजिटल फोटोग्राफी सर्विलायन्स) मोबाइल ऐप* को अपने-अपने एन्ड्रॉयड मोबाइल में इंसटॉल रखना है। इसके उपयोग से संबंधित प्रशिक्षण भी सभी सेक्टर मजिस्ट्रट, पीसीसीपी, पीठासीन पदाधिकारी एवं पी3सी को दिया गया है। संबंधित आईटी सहायक/कार्यपालक सहायक/नोडल पदाधिकारी को निदेश दिया गया है कि मतदान के दिन भ्रमणशील रहते हुए पीठासीन पदाधिकारी एवं पी3सी के सम्पर्क में रहकर प्रत्येक 30 मिनट पर डाटा अपलोड करवाना सुनिश्चित करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी पदाधिकारी राज्य निर्वाचन आयोग के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करेंग।

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