
बेगूसराय जिले के मंझौल सहायक थाना क्षेत्र के पवड़ा गांव से 31 मई से गायब तीनों नाबालिग छात्राओं को पुलिस ने पटना से सकुशल बरामद कर लिया है। वही परिजनों ने अपनी नाबालिग बेटियों के गायब होने पर मामला दर्ज कराते हुए अपहरण की आशंका जताई थी। पुलिस ने पटना से तीनों नाबालिग को बरामद किया तो मामला कुछ और ही निकला। तीनों नाबालिग छात्राएं अपने परिजनों के द्वारा मारपीट एवं डांट फटकार से नाराज थी। इस वजह से घरवालों के बिना बताए ही चली गई थीं। नाबालिग छात्रों के परिजन उन्हें रील्स बनाने से मना करते थे। बीते दिनों परिजनों ने उनकी डांट लगाई थी। इसके बाद ही तीनों एक साथ घर से भाग गईं। पुलिस ने तीनों नाबालिगों के बयान दर्ज करते हुए उनके परिवार को सौंप दिया है।
एसपी योगेन्द्र कुमार ने शनिवार को बताया कि पवड़ा स्थित घर से तीन नाबालिग लड़की 31 मई की सुबह उत्क्रमित मध्य विद्यालय पवड़ा पढ़ने जाने के लिए निकली थी। लेकिन वापस अपने घर नहीं लौटी। काफी खोजबीन के बाद एक जून को परिजनों द्वारा मंझौल थाना में मामला दर्ज कराया गया।जानकारी मिलते ही घटना को गंभीरता से लेते हुए मंझौल डीएसपी श्याम किशोर रंजन के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया था। टीम ने लगातार सूचना संकलन एवं सीसीटीवी फूटेज का अवलोकन करते हुए सूचक मो. राजा एवं नजम साफी के सहयोग से तीनों लड़कियों को पटना रेलवे स्टेशन के बाहर चाय दुकान के समीप से बरामद किया गया।
वही, पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि इनके परिजनों के द्वारा रिल्स बनाने सहित अन्य कार्यों को लेकर मारपीट एवं डांट-फटकार किया था। जिसके कारण तीनों घर से भाग कर कलकत्ता जाने और काम ढूंढकर एक साथ रहने का प्लान बनाया गया। सभी ने अपनी किताबें सहेली के घर पर छोड़ दिया तथा ऑटो से बेगूसराय रेलवे स्टेशन गई। यहां से ट्रेन पकड़ कर भागलपुर तथा वहां से ट्रेन पकड़ कर दुमका चली गई। फिर तीनों दुमका से ट्रेन से पटना पहुंच गई। इधर, पुलिस टीम लगातार इनपुट जुटा रही थी। जिसमें आसूचना संकलन के आधार पर सभी को पटना जंक्शन के बाहर चाय दुकान के समीप से सकुशल बरामद किया गया। तीनों लड़कियों का धारा-164 के तहत न्यायालय में बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है