
भागलपुर :- समाज सेवा में अव्वल नसीमा का नाम हरेक वह व्यक्ति जानता है जिसे अपनो ने वक्त पर भुला दिया और खून की जरूरत पड़ने पर वह सिर्फ एक कॉल पर खुद इंतजाम करवा सकी। नसीमा दिलकश का नाम खून दान देने वाले रक्तविरो में शामिल है और जरूरत पड़ने पर इनकी पूरी टीम मदद करने,खून देने पहुंच जाती है। इनकी इन सब खूबीयो में एक और उपलब्धि जुट गई है,अब नसीमा डॉ नसीमा बन गई है। नसीमा दिलकश, पिता – मों. गुलाम मुस्तफा, माता – स्व. कैसर जहाँ, पति- एम. एम. सुल्तान, पता- मायागंज, थाना – बरारी, जिला – भागलपुर की निवासी हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नसीमा दिलकश को ति. माँ.भा. वि. वि. के सामाजिक विज्ञान संकाय के विषय राजनीति विज्ञान विभाग में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त हुई है ।इनके शोध का विषय “जनजातीय महिलाओं का आत्मविकास और सशक्तिकरण (गुमला जिले की पंचायत राज संस्थाओ के संदर्भ में एक अध्ययन)” है । डॉ. नसीमा दिलकश के शोध निदेशक डॉ. चन्द्ररेश्वर प्रसाद सिंह, पूर्व विभागाध्यक्ष एवम पूर्व प्रतिकुलपति, कामेश्वर सिंह संस्कृत वि. वि. दरभंगा हैं ।
इनके शोध कार्य से राज्य और राष्ट्र को आदिवासी महिलाओं के लिए नीति निर्माण में सहायक सिद्ध होगा। डॉ नसीमा के शब्दो में उन्होंने इस उपलब्धि को अपनी अम्मी को देना चाहती है भले ही वो अल्लाह के यहां है पर वही से वे सबसे ज़्यादा खुश होंगी। वही उन्होंने अपने पति, अब्बु और पूरे परिवार के लोगो का भी शुक्रिया किया कि उन्होंने कठिन वक्त में भी उनका साथ दिया जिससे वे रिसर्च वर्क कर पाई।