दिल्ली, भारतीय झंडा सहिता 2002 के अनुसार तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराने की अनुमति थी और मशीन से बने और पोलिस्टर से बने झंडे की अनुमति नही थी।
लेकिन केंद्र सरकार ने झंडा सहिता मे बदलाव किया है। सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, फहराना और उपयोग भारतीय झंडा संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है,भारतीय झंडा संहिता, 2002 में 20 जुलाई, 2022 के एक आदेश के जरिए संशोधन किया गया है और अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-2 के पैरा 2.2 के खंड (11) को अब इस तरह पढ़ा जाए, ‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।’ झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए लिखा गया है कि ‘राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कपास-पॉलिएस्टर-ऊन रेशमी खादी से बना होगा।’
केंद्र द्वारा इस नियम मे बदलाव से अब तिरंगा दिन और रात दोनों समय फहराये जाने की अनुमति होगी। साथ ही अब पॉलिएस्टर और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी उपयोग किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबित केंद्र सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्वस’ कार्यक्रम के तहत 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम की शुरुआत होने से यह बदलाव सामने आया है।
कुणाल भगत