नई दिल्ली/पटना,
जिसे पश्चिमी देश क्रूर बता कर उसपर कई तरह की पाबंदिया लगा रहे है तो कोई पश्चिमी देश यूक्रेन को युद्ध के लिए साजो सामान दे रहा है। कोई रूस को नाजी और पुतिन को हिटलर बता कर पानी पी पी कर कोस रहा है। लेकिन आपको पता है रूस वही देश है जिसने सारी हदें पार कर भी हरेक मोर्चे पर भारत के साथ खड़ा रहा । विश्व के सारे मुल्क जब भारत के खिलाफ थे तो भी अंजाम और विश्व की परवाह किये बिना , बेशर्त रूस भारत के साथ खड़ा रहा। बेशक हालिया दिनों मे जैसे जैसे भारत अमेरिका के करीब आता रहा वैसे वैसे रूस तटस्थ बनता गया, परंतु फिर भी वो भारत के खिलाफ नही गया।
इस बात की पुष्टि इस बात से भी होती है कि भारत के लिए सुरक्षा परिषद मे 6 बार वीटो पावर का इस्तेमाल करके भारत को रूस ने अंतराष्ट्रीय मंच पर बचाया है।
यहां पर एक बात और गौर करने वाला है कि हरेक बार यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका , फ्रांस,चीन ऑस्ट्रेलिया आदि देश भारत का विरोध करते रहे।
1947 को जब कश्मीर को भारत मे विलय कराया गया तो संयुक्त राष्ट्र मे वीटो लगाकर रूस ने कश्मीर पर भारत के रुख का समर्थन किया और पश्चिमी देशो और पाकिस्तानी करतूत पर पानी फेर दिया।
1961 मे, 1962 और फिर 1971 मे भी फिर से 3 बार शरणार्थी मामले, गोवा तथा पाकिस्तान मामले पर भी वीटो लगाकर रूस ने भारत को बचाया इसी तरह पूरे छः बार रूस ने वीटो लगाकर पूरे पश्चिमी देशों के खिलाफ जाकर भी भारत क़ी अस्मिता की रक्षा क़ी।
इसी प्रकार का एक वाकया कल देखने को मिला जब रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की और भारतीय छात्रों के प्रति चिंता जताई तो रूस ने पूरे 6 से 7 घंटे रूस ने खारकीव मे बमबारी रोक दी थी जिससे भारतीय छात्रों को बॉर्डर सकुशल पार करने और युद्धग्रस्त क्षेत्र से बाहर निकलने का रास्ता साफ हुआ।
कुणाल भगत
यह आलेख लेखक की पूर्णत: निजी राय है।