पुलिसिया भय से नालंदा में समय से अस्पताल नहीं पहुंच सकें जहरीली शराब से मृत व्यक्ति: राजेश राठौड़
पुलिसिया भय से नालंदा में समय से अस्पताल नहीं पहुंच सकें जहरीली शराब से मृत व्यक्ति: राजेश राठौड़
समय से अस्पताल ले जाकर बचाई जा सकती थी नालंदा पीड़ितों की जान: राजेश राठौड़
जानलेवा हो रहा है शराबबंदी कानून, सुधारवादी कदम है जरूरी: राजेश राठौड़
शराबबंदी कानूनों को लेकर एक बार फिर से नीतीश सरकार कठघरे में नजर आ रही है। नालंदा में जहरीली शराब से हुई मौतों पर बिहार प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि जैसा कि पुलिसिया जांच से यह ज्ञात हो रहा है कि नालंदा में जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को समय से अस्पताल पहुंचाकर जान बचाई जा सकती थी लेकिन शराबबंदी कानून के कारण उनके परिजन पुलिसिया भय से बीमार लोगों को अस्पताल नहीं ले गए।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि ये कैसा कानून है जो अपने पथ से ही भटक गया है! नीतीश कुमार ने जिस उद्देश्य से इस कानून को लाया था, जिस प्रकार उन्होंने समाज के खास वर्ग को नशे से बचाने के लिए कानून बनाया था, आज उसी वर्ग की सबसे ज्यादा जहरीली शराब से मौत हो रही है। देखा जा रहा है कि कैसे बिहार में लगातार जहरीली शराब से लोग मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा की गई समीक्षात्मक बैठक में आर्थिक दंड का प्रावधान की चर्चा को लागू करने की आवश्यकता है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कितने लोगों को इस तरीके के दण्ड लगाएं गए हैं अब तक। पुलिस केस के भय से लोग न अस्पताल जाकर बेहतर इलाज करा पा रहे हैं और न ही ऐसे मामलों में पुलिस से मदद ले पा रहे हैं। ऐसे में यह कानून बिल्कुल अपने मुख्य उद्देश्य से भटक चुका है।
बिहार कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि शराब के बाद शराबबंदी कानून भी जानलेवा ही साबित होने लगा है। बिहार की डबल इंजन सरकार पूरी तरीके से विफल है और आम जनता से पुलिस पब्लिक फ्रेंडली होने की सभी बातें बेईमानी है।