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सपनें बेचने वाली कंपनी बन चुकी है भाजपाः राजीव रंजन

पटना :- भाजपा को निशाने पर लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा कि भाजपा राजनीतिक दल की आड़ में सपने बेचने की कंपनी बन चुकी है। पूरी तरह प्रचार पर आश्रित इस पार्टी के नेता हर दिन कोई नया झूठ फैलाने की कोशिशों में लगे रहते हैं और इनका आईटी सेल इसी झूठ को सच बनाने की पैकेजिंग कर दिन रात लोगों को गुमराह करते रहता है। सच्चाई देखें तो इनके अधिकांश वादे आज तक जमीन पर नहीं उतर पाए हैं। सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी के सहारे यह झूठ को सच साबित करने में लगे रहते हैं।

भाजपा के वादे याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि इन्होने वादा किया था किया था 2022 तक हर किसान की आमदनी दुगनी हो जायेगी, लेकिन हकीकत में इनके राज में किसानों की हालत और बदतर हो चुकी है। हालात यह है खेती के समय भी केंद्र सरकार द्वारा खाद उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण, बिहार में किसानों को यूरिया और अन्य जरूरी खादों के लिए जूझना पड़ रहा है। इसी तरह इन्हों मध्य वर्ग के लोगों को भी आय बढ़ाने का सपना दिखाया था, लेकिन बढ़ी मंहगाई के कारण उनका जीवन भी आज संकटों से गुजर रहा है।

जदयू महासचिव ने कहा कि इन्होने युवाओं को भी नहीं छोड़ा है। आज भी इनसे दो करोड़ सालाना रोजगार की बातें पूछिये तो इनके नेता बगले झाँकने लगते हैं। इतने वर्ष बीतने के बाद भी सब की हालत जस की तस है। उन्होंने कहा कि लोग इनसे सवाल न पूछे इसीलिए यह आम जनता को बेफिजूल के मुद्दों में उलझा देती है। जहां सरकार को आम लोगों के लिए रोटी, कपड़ा, मकान जैसी बुनियादी सुविधाएँ जुटाने पर फोकस करना चाहिए वहां यह लोग हिंदू-मुस्लिम विवाद पैदा करने तथा पुरानी सरकार को कोसने में समय जाया करते रहते हैं। भाजपा को बताना चाहिए कि गड़े मुर्दे उखाड़ने से विकास कैसे होगा?

उन्होंने कहा कि आज देश भर में सबसे बड़ा मुद्दा मंहगाई है, जिससे गरीब, मजदूर, दलित, किसान और आम आदमी बुरी तरह पीड़ित हैं केंद्र सरकार यदि चाहे तो तुरंत इसपर लगाम लगा सकती है लेकिन सरकार इस इतने गंभीर मुद्दे पर भी आंखे मूंदे बैठी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इंटरेस्ट रेट कम कर के लोगों के पैसे बचवा सकती है। इसी तरह इन्होने पेट्रोल-डीजल के दामों में भी कमी का वादा किया था लेकिन आज कच्चे तेल के दाम जहां पिछले 15 महीने के न्यूनतम स्तर पर हैं, वहीं इनके बाजार मूल्य जस के तस हैं। वादे के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं गिराना इनके कहे से पलटने का सबसे बड़ा प्रमाण है।

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