अत्यंत मनोरम है उचेश्वर नाथ महादेव मंदिर का दृश्य।
एक हजार फीट से भी अधिक की उंचाई पर पहाड़ पर स्थित बाबा है ऊंचेश्वर नाथ महादेव मंदिर।
राजीव रंजन।
टेटिया बंबर प्रखंड अंतर्गत नोनाजी पंचायत में एक हजार फीट से भी अधिक की उंचाई पर पहाड़ पर स्थित बाबा ऊंचेश्वर नाथ महादेव मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। चारों तरफ पहाड़ी और हरियाली से घिरी ये मंदिर और मंदिर प्रांगण का तालाब लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है।
प्रचलित लोक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के कुछ क्षण यहाँ भी बिताए थे। यहां पांडवों ने बाबा महादेव की कठिन तपस्या की थी और महादेव को प्रसन्न किया था। देवघरा पहाड़ के शीर्ष पर चढ़ने के दरमियां अनेकों छोटे- छोटे मंदिर के दर्शन होते चले जाते हैं। इन मंदिरों में शिवलिंग की पूजा की जाती है और शिवरात्रि जैसे त्योहारों पर विशेष आयोजन होते हैं। वहीं पहाड़ की चढ़ाई करने के दौरान पत्थर से निर्मित शेषनाग की एक आकृति का भी दर्शन होता है जो दृश्य को और अधिक मनोरम बनाता है ।
वही मंदिर मैं शिवगंगा नामक तालाब भी है और मंदिर प्रशासन द्वारा समय-समय पर इसकी साफ सफाई भी कराई जाती है। मंदिर प्रांगण में कई कुएँ भी मौजूद हैं जिसका जल अत्यंत ही निर्मल है। यह मंदिर धार्मिक, सांस्कृतिक, और पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।ये बात किसी से छुपी नहीं की शिव मंदिरों की शैली, स्थान, और आधुनिक यशिव मंदिरों की संरचना में उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्णता का परिचायक होता है, जो लोगों को आत्मा के मार्ग पर दिशा देता है। इन मंदिरों की आराधना और पूजा भक्तों को आत्मिक शांति और संतोष प्रदान करती है।
वही शिवरात्रि के विशेष अवसर पर हर साल बाबा ऊंटेश्वर धाम मंदिर प्रांगण में चार दिवसीय भव्य मेले का आयोजन कराया जाता है, जिसमें लाखों की संख्या में दूर-दूर से लोग आते हैं , भगवान शिव की आराधना करते हैं और मेले का आनंद लेते हैं।
गौर तलब करने वाली बात यह है कि इस मेले में नक्काशी की गई सामग्रियों की सबसे ज्यादा बिक्री होती है जैसे लकड़ी, लोह व पत्थर से बनी सामग्रियां ।
यहां के ग्रामीणों की यह मांग है कि इस स्थान का और अधिक
सौंदर्यकरण करके पर्यटन की दृष्टि से इस स्थान को संवारा जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस मंदिर के संदर्भ में जानकारी हो और ग्रामीणों के लिए यह रोजगार का भी एक अवसर प्रदान करे।
वहीं इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे भाव भक्ति से यहां आकर बाबा उचेश्वरनाथ की पूजा-अर्चना करता है बाबा उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं ।