देशपटनाबिहारराजनीति

विधान परिषद् के पाँचों सीटों पर जीत दर्ज करेंगे महागठबंधन के प्रत्याशी: उमेश सिंह कुशवाहा

भाजपा की जाति- धर्म के नाम पर बांटने की साजिश बिहार में चलने वाली नहीं

पटना :- बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा जी ने आज कहा कि बिहार विधान परिषद् के लिए होने वाले चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी सभी पाँचों सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी द्वारा शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में किये गए कार्यों के फलस्वरूप इन सीटों पर हमारी विजय निश्चित है।

उन्होंने कहा कि बिहार विधान परिषद् के लिए 2 स्नातक और 2 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव एवं एक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव होने जा रहा है। इन सभी क्षेत्रों से महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सारण स्नातक एवं गया व कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से क्रमशः वीरेंद्र नारायण यादव, संजीव श्याम सिंह एवं डाॅ0 संजीव कुमार सिंह जदयू के उम्मीदवार हैं। वहीं गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से महागठबंधन की ओर से राजद उम्मीदवार पुनीत कुमार सिंह तथा माननीय केदारनाथ पांडे जी के निधन के कारण रिक्त हुए सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से उनके सुपुत्र आनंद पुष्कर जी महागठबंधन के सीपीआई प्रत्याशी हैं।

उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्राथमिक व उच्च विद्यालय भवनों के निर्माण, तकनिकी शिक्षा हेतु इंजीनियरिंग कालेजों, मेडिकल कालेजों के खोलने के साथ ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए किये गए ठोस कामों का प्रतिफल सामने आने लगा है। उनके नेतृत्व में सभी आयु वर्ग के छात्रों- छात्राओं के लिए चलायी गयी योजनाओं की चर्चा आज पुरे देश में हो रही है। विशेषकर महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनके द्वारा चलायी गयी योजनायें मिल का पत्थर बन गयी हैं। परीक्षाओं में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वालों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने वालों को पुरस्कृत करने की योजना से पुरे प्रदेश में एक सकारात्मक माहौल बना है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सारण, गया व कोसी निर्वाचन क्षेत्र में जदयू सहित महागठबंधन से जुड़े सभी दलों के कार्यकर्ता इन प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा द्वारा लोगों को बरगलाने एवं जाति- धर्म के नाम पर बांटने की साजिश से आम लोग परिचित हो चुके हैं और उनकी यह साजिश अब बिहार में चलने वाली नहीं है। बिहार के लोग 2024 में उन्हें सबक सिखाने के लिए अभी से तैयार हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *