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बिहार जाति आधारित गणना, 2022 की तैयारी पूरी: डीएम, 7 जनवरी से शुरू होगी जाति आधारित गणना

डीएम ने अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत गणना कार्य का गहन अनुश्रवण करने का दिया निदेश

पटना :- जिला पदाधिकारी, पटना-सह-नोडल पदाधिकारी, जाति आधारित गणना, 2022-सह-प्रधान गणना पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि बिहार जाति आधारित गणना, 2022 का सफल क्रियान्वयन जिला प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी स्टेकहोल्डर्स (हितधारक) सजग, तत्पर एवं सतर्क रहकर इस कार्य का संचालन करें। वे आज बिहार जाति आधारित गणना, 2022 की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जाति आधारित गणना के प्रथम चरण का कार्य दिनांक 07 जनवरी, 2023 से प्रारंभ किया जाना है। इसमें मकान नम्बरीकरण तथा संक्षिप्त गृह पंजी को तैयार किया जाना है। प्रथम चरण की अंतिम तिथि दिनांक 21 जनवरी, 2023 तक है। सभी संलग्न पदाधिकारियों एवं कर्मियों को समयबद्ध ढंग से निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।

जूम के माध्यम से आयोजित इस बैठक में डीएम डॉ. सिंह द्वारा मकान सूचीकरण कार्य हेतु तैयारियों की समीक्षा की गई। सभी गणना/उप गणना खंड का सीमांकन, जिला जाति आधारित गणना कोषांग के सभी प्रपत्र एवं गणना किट का निर्धारित तिथि के अनुसार उठाव, चार्ज स्तर पर निर्धारित प्रपत्र में चार्ज रजिस्टर की तैयारी, सभी प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को परिचय-पत्र की प्राप्ति, सभी प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को प्रपत्र एवं गणना किट का वितरण, गणना के दौरान नियमित अनुश्रवण एवं प्रतिदिन निर्धारित प्रपत्र में प्रगति प्रतिवेदन जिला जाति आधारित गणना कोषांग को उपलब्ध कराना सहित सभी बिन्दुओं पर एक-एक कर समीक्षा की गई।

सभी चार्ज पदाधिकारियों, प्रगणकों तथा पर्यवेक्षकों को 5 जनवरी को गणना/उप गणना खंडों का भ्रमण कर शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन/ सीमांकन करने का निर्देश दिया गया। डीएम डॉ सिंह ने चार्ज स्तर पर कोषांगों को सक्रिय रखने का निर्देश दिया।

सभी चार्ज पदाधिकारियों, कोषांगों के नोडल पदाधिकारियों, प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों तथा अन्य को गणना की बारीकियों को समझाते हुए डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रगणक और पर्यवेक्षक गणना के दौरान आंकड़े संग्रहण के लिए जिम्मेदार प्राथमिक गणना कर्मी हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत/शहरी निकायों के वार्डों को गणना हेतु प्रारंभिक इकाई (गणना ब्लॉक) माना गया है अर्थात वार्ड को गणना ब्लॉक के रूप में घोषित किया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई कुल 204 जातियों की सूची के सत्यापन का कार्य पटना जिलान्तर्गत सभी चार्जों से किया गया है। गणना वार्डवार (शहरी एवं ग्रामीण) की जानी है। आँकड़ों का संग्रहण डिजिटल मोड में होना है। प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों, कार्यपालक पदाधिकारियों तथा प्रशासी पदाधिकारी को चार्ज अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पंचायत/शहरी निकायों के वार्डों को गणना हेतु प्रारंभिक इकाई (गणना ब्लॉक) माना गया है अर्थात वार्ड को गणना ब्लॉक के रूप में घोषित किया गया है। अगर किसी वार्ड की जनसंख्या 700 से अधिक है तो वैसी स्थिति में उपगणना ब्लॉक का निर्माण किया गया है। जनसंख्या में वार्षिक या दशकीय वृद्धि दर के आधार पर वर्तमान जनसंख्या का आकलन कर गणना ब्लॉक का गठन किया गया है। पटना जिला अंतर्गत कुल 45 चार्ज (23 प्रखण्ड, 11 नगर परिषद, 05 नगर पंचायत तथा पटना नगर निगम के 06 अंचल) में 4,613 वार्ड है। कुल 45 चार्ज पदाधिकारी हैं। परिवार की अनुमानित कुल संख्या 20,06,677 है। 10 जिला-स्तरीय मास्टर ट्रेनर हैं। सभी चार्ज, फिल्ड ट्रेनर की नियुक्ति की संख्या 296 है। शहरी एवं ग्रामीण चार्जों को मिलाकर गणना खण्डों/गणना उप खण्डों की कुल संख्या 12,696 है। एक प्रगणक को एक ही गणना ब्लॉक/उप गणना ब्लॉक में लगाया जाना है। प्रत्येक छः प्रगणकों पर एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जानी है। इस प्रकार सभी चार्ज के कुल प्रगणकों की संख्या 12,696 है। पर्यवेक्षकों की संख्या 2,116 है। पर्यवेक्षक प्रगणक से उच्च स्तर के कर्मी हैं। ये सभी चार्ज अधिकारी द्वारा नियुक्त हैं।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार जाति आधारित गणना, 2022 के प्रथम चरण के कार्य हेतु चार्ज पदाधिकारियों, सहायक चार्ज पदाधिकारियों, फिल्ड ट्रेनर्स, प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों सहित सभी सम्बद्ध पदाधिकारियों एवं कर्मियों को विधिवत् ढंग से प्रशिक्षण दिया गया है। सभी प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारी का लाभ उठाएँ एवं गणना कार्य तत्परता से करें। डीएम डॉ. सिंह द्वारा जाति आधारित गणना में प्रयोग होने वाले विभिन्न प्रकारों के प्रपत्रों का परिचय एवं उनके प्रारूप के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि बिहार जाति आधारित गणना के कार्यान्वयन हेतु गणना कर्मियों की नियुक्ति से लेकर कार्य समाप्ति के उपरांत समर्पित किये जाने वाले प्रमाण-पत्रों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार प्रथम चरण में कुल नौ प्रकार के प्रपत्र भरे जाने हैं। सभी प्रपत्रों को सही-सही भरा जाए। उन्होंने कहा कि मकान नम्बरीकरण के उपरांत संक्षिप्त मकान सूची को तैयार किया जाना है। संक्षिप्त मकान सूची से संबंधित प्रपत्र में मकान सूचीकरण एवं नम्बरीकरण के समय परिवारों की मकान सूचना संकलित की जानी है। इस सूचना के आधार पर मकान गणना के कार्य में घर-घर जाकर गणना का कार्य किया जायेगा, ताकि कोई परिवार या घर गणना के कार्य में नहीं छूटे। संक्षिप्त मकान सूची में कुल तीन भाग हैं। भाग-1 में गणना क्षेत्र के पहचान संबंधित विवरण को लोकेशन कोड के साथ भरा जाना है। इस प्रपत्र के भाग-2 में नियमित वासों में रहने वाले परिवारों एवं भाग-3 में अनियमित वासों में रहने वाले परिवारों/व्यक्तियों का सूचीकरण किया जाएगा।

डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि *सभी प्रगणक एवं पर्यवेक्षक निर्धारित परिचय-पत्र* के साथ ही क्षेत्र में जाएंगे ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति इस प्रक्रिया में शामिल न हो सके और सामान्य जन से परिचय-पत्र के आधार पर कर्मियों को कार्य करने में सहयोग प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि सभी प्रगणक एवं पर्यवेक्षक के पास *सभी तरह का प्रपत्र एवं गणना किट उपलब्ध रहना चाहिए।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रगणकों तथा पर्यवेक्षकों द्वारा शत-प्रतिशत गणना/उप गणना ब्लॉक का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित रहना चाहिए। प्रथम चरण में एकत्रित किए गए आंकड़ों को *पोर्टल पर ससमय इन्ट्री* कराया जाए। इसके लिए निर्धारित संख्या में डाटा इन्ट्री ऑपरेटर की उपलब्धता रहनी चाहिए।

डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि गणना कार्य के प्रतिदिन का प्रगति प्रतिवेदन* निर्धारित प्रपत्र में जिला जाति आधारित गणना कोषांग को उपलब्ध कराया जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत जाति आधारित गणना कार्य का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया है। साथ ही उन्होंने जिला जाति आधारित गणना कोषांग को बिना किसी त्रुटि के गणना कार्य ससमय सम्पन्न कराने हेतु सजग रहने का निदेश दिया है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जाति आधारित गणना एक वृहद एवं महत्वपूर्ण कार्य है। इसकी समयबद्धता, महत्ता एवं अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यों को ससमय एवं सफलतापूर्वक निष्पादन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र इस उद्देश्य हेतु सक्रिय एवं प्रतिबद्ध है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा जातियों से संबंधित वास्तविक आंकड़े प्राप्त करने के उद्देश्य से बिहार में निवास करने वाली सभी जातियों की गणना का निर्णय लिया गया है। जाति आधारित गणना से लोक कल्याणकारी एवं विकासात्मक योजनाओं तथा कार्यक्रमों को एक नया आयाम मिलेगा। अतः सभी गणना कर्मियों को अपने उत्तरदायित्व को पूरी लगन और सत्यनिष्ठा से निर्धारित समय अवधि में पूर्ण करना होगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पुनरीक्षित कार्यक्रम के अनुसार जाति आधारित गणना कार्य 31 मई, 2023 तक पूर्ण कर लिया जाना है। जाति आधारित गणना के दौरान आर्थिक स्थिति के सर्वेक्षण का भी प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य के सभी व्यक्तियों का जाति आधारित गणना किया जाना है, चाहे वो किसी भी जाति या संप्रदाय के हों। गणना के समय बिहार के वैसे निवासी जो किसी कारणवश राज्य या देश से अस्थायी प्रवास की स्थिति में हों, उनकी भी गणना की जायेगी। किसी भी परिस्थिति में प्रपत्रों अथवा मोबाइल ऐप में उप-जाति की प्रविष्टि नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रगणक और पर्यवेक्षक गणना के दौरान आंकड़े संग्रहण के लिए जिम्मेदार प्राथमिक गणना कर्मी हैं। लगभग 700 आबादी का कार्य एक प्रगणक को सौंपा गया है। प्रत्येक पंचायत या नगर पालिका या नगर निकाय में यदि किसी वार्ड की आबादी 700 से कम होगी तो वहाँ एक प्रगणक और 700 से अधिक होने पर क्रमशः उप गणना ब्लॉक बनाते हुए प्रगणकों की नियुक्ति की गई है। किसी भी परिस्थिति में एक प्रगणक को दो वार्ड का क्षेत्र नहीं दिया गया है। प्रत्येक छः(6) प्रगणकों के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गणना कार्य में प्रत्येक निवासी सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। इसलिए प्रत्येक निवासी से पूरा आदर और सम्मान से वार्ता की जाए क्योंकि उनके पूर्ण सहयोग पर ही गणना कार्य की सफलता निर्भर है। उन्होंने कहा कि सूचनाओं का प्रवाह त्वरित एवं सुगम होना चाहिए। आवश्यकतानुसार व्हाट्सऐप ग्रुप का निर्माण कर सहजता एवं सतर्कता से कार्य करें। इंटरैक्टिव सेशन एवं काउन्सेलिंग सत्र का भी आयोजन किया जाए।

पदाधिकारियों को जाति आधारित गणना के क्रियान्वयन में ‘ क्या करें, क्या न करें’ के बारे में भी विस्तार से बताया गया।

क्या अवश्य करें और क्या न करेंः-

क्या अवश्य करेंः-

1. कृपया अपने आप को जाति आधारित गणना के विभिन्न आयामों/अवयवों से पूरी तरह अवगत करा लें और यह सुनिश्चित कर लें कि इस कार्य से जुड़ी सभी प्रकार की कार्रवाई ससमय पूर्ण कर ली जायेगी।

2. सभी बिन्दुओं को सही-सही समझने का प्रयास करें।

3. क्षेत्र में कार्य प्रारंभ करने से पूर्व गणना कर्मी को आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा दी जाय और प्रत्येक गणना कर्मी सभी आवश्यक सामग्री निश्चित रूप से प्राप्त कर लें।

4. कृपया फील्ड वर्क के समय अपना परिचय पत्र जरूर साथ ले जाएं और उसे प्रदर्शित रखें।

5. गणना कार्य में जाते समय सर्वप्रथम गणना ब्लॉक/उप गणना ब्लॉक की पूर्ण पहचान कर लें। यदि इस संबंध में किसी तरह की परेशानी हो तो तत्काल उच्च अधिकारी से सहायता प्राप्त करें।

6. गणना कार्य में प्रत्येक निवासी सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है। इसलिए प्रत्येक निवासी से पूरा आदर और सम्मान से वार्ता की जानी चाहिए क्योंकि उनके पूर्ण सहयोग पर ही आपके गणना कार्य की सफलता निर्भर है।

7. प्रपत्र इत्यादि के भरने हेतु काले रंग का बॉल पेन का उपयोग किया जाना अनिवार्य है। जेल/इंक वाली कलम का प्रयोग वर्जित है।

8. प्रपत्रों में अंक भरते समय अंक पद्धति का प्रयोग अनिवार्य है।

9. प्रपत्र पर अंक भरते समय पूरी सतर्कता बरती जाय कि अंकों को बताये गये रूप में इस प्रकार भरा जाय कि अंक बॉक्स के केन्द्र में अंकित हो।

10. गणना क्षेत्र के प्रत्येक भवन एवं मकान चाहे वो पूर्ण आवासीय हों, आंशिक आवासीय हों या गैर आवासीय हों, का भ्रमण गणना कर्मियों द्वारा किया जाना अनिवार्य है।

11. प्रपत्रों में लोकेशन कोड एवं अन्य कोड भरते समय पूरी सतर्कता बरती जाय तथा सुनिश्चित किया जाय कि कोड डायरेक्टरी में अंकित उस क्षेत्र/प्रश्न से संबंधित कोड ही भरे गए हैं।

क्या न करेंः-

1. प्रपत्रों को किसी भी परिस्थिति में न मोड़ें और न गोल बनाकर उसमें रबड़ लगाया करें।

2. प्रपत्रों पर ओवरराइटिंग न करें, इसलिए प्रपत्रों पर प्रविष्टि करने के पूर्व सादा कागज पर सूचना नोट कर लें और सही करने के उपरांत ही प्रपत्रों पर सूचना की प्रविष्टि करें।

3. प्रपत्रों पर किसी भी अन्य प्रकार का कोई चिन्ह/मार्क नहीं अंकित करें।

डीएम डॉ. सिंह कहा कि जाति आधारित गणना हेतु वे स्वयं एवं सभी जिला-स्तरीय पदाधिकारी भी क्षेत्र भ्रमण करेंगे एवं लोगों तथा गणना में संलग्न पदाधिकारियों से इनटरैक्शन करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जाति आधारित गणना के सुचारू रूप से संचालन हेतु जिला-स्तर पर 11 कोषांगों का गठन किया गया है। ये सभी कोषांग 24×7 सक्रिय है। उन्होंने सभी कोषांगों के वरीय नोडल पदाधिकारियों तथा नोडल पदाधिकारियों को गणना कार्य का नियमित तौर पर मॉनिटरिंग करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जाति आधारित गणना से प्राप्त आंकड़ों का भविष्य में व्यापक उपयोग किया जाना है। कार्य-योजना के अनुसार सभी संलग्न पदाधिकारी प्रदत्त दायित्वों का समयबद्ध ढ़ंग निर्वहन सुनिश्चित करेंगे।

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