महिला सशक्तिकरण या कानून का दुरुपयोग?
चाढ़ीहरी गांव में परिवार पर संकट, देवर ने लगाई न्याय की गुहार ।

शेखपुरा
शेखपुरा जिले के चाढ़ीहरी गांव में एक परिवार महिला सशक्तिकरण की आड़ में प्रताड़ना का शिकार होने का आरोप लगाकर न्याय की गुहार लगा रहा है। मामला गांव के निवासी 80 वर्षीय सैयद अबू नसर के परिवार से जुड़ा है, जिनके चार बेटे और दो बेटियाँ हैं। सभी की शादी हो चुकी है, लेकिन परिवार की शांति उस वक्त भंग हो गई जब अबू नसर के बेटे सैयद अरशद नसर की दूसरी पत्नी गुलिस्ता परवीन ने घर में कदम रखा।
परिवार वालों का कहना है कि वर्ष 2024 से वे लगातार तनाव और उत्पीड़न झेल रहे हैं। गुलिस्ता परवीन ने अपने वृद्ध ससुर सैयद अबू नसर पर बलात्कार जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करा दिया। इससे न सिर्फ परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को गहरी ठेस पहुंची बल्कि उनका मानसिक संतुलन भी बिगड़ने लगा।
इस पूरे घटनाक्रम की जड़ बताते हुए परिवार ने बताया कि कुछ समय पूर्व अरशद नसर की गतिविधियों से परेशान होकर सैयद अबू नसर ने उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया था। इसी बीच गुलिस्ता परवीन की घर में एंट्री हुई और देखते ही देखते परिवार पर मुकदमों की बौछार शुरू हो गई।
पीड़ित देवर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गुलिस्ता परवीन ने गिरिहिंडा कॉलेज मोड़ पर स्थित 10 दुकानों पर जबरन कब्जा कर लिया है। वह किसी भी दुकानदार को वहाँ व्यापार करने की अनुमति नहीं दे रही हैं। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में उन्हें दुकानों की दीवारें हथौड़े से तोड़ते हुए भी देखा गया, और जो भी इसका विरोध करता है, उसके घर जाकर वह हंगामा करती हैं।
देवर का आरोप है कि गुलिस्ता परवीन महिला सशक्तिकरण और कानून का दुरुपयोग कर रही हैं और पूरे परिवार को झूठे मुकदमों में फंसा रही हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन, मीडिया और राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की है।
परिवार का कहना है कि वे अब मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से टूट चुके हैं। यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि महिला अधिकारों और उनके संभावित दुरुपयोग पर गंभीर सवाल उठाता है।
अब यह प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है कि वह बिना पक्षपात के जांच करे और यह सुनिश्चित करे कि न किसी महिला का अधिकार छीना जाए और न ही किसी परिवार को कानून के दुरुपयोग से प्रताड़ित होना पड़े।