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एनडीए की बंपर जीत — महिला मतदाताओं ने बदला समीकरण।

कुणाल भगत
पटना;- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने एक बार फिर एनडीए के पक्ष में एकतरफा माहौल खड़ा कर दिया। इस बार की जीत सिर्फ राजनीतिक लहर नहीं, बल्कि महिला वोटर्स की निर्णायक भागीदारी ने एनडीए को ऐतिहासिक बढ़त दिलाई। कई सीटों पर महिलाओं की भारी मतदान संख्या ने अंतिम परिणाम को पूरी तरह बदल दिया।


• महिला वोटों ने कराई रिकॉर्ड लीड।
दोपहर बाद आए रुझानों में महिला बूथों से मिले भारी समर्थन ने जीत को विशाल रूप दे दिया। कई बूथों पर महिला मतदान 65–70% के पार गया, जिसने बढ़त को दसियों हजार में बदल दिया। महिला मतदाताओं ने बनाई एनडीए की ‘वोट बैंक की दीवार।’

•पूरे बिहार में इस बार महिला वोटरों ने चुनावी कैनवास को पलटकर रख दिया।सामाजिक सुरक्षा, उज्ज्वला योजना, पंचायत स्तर पर सुविधाओं की बढ़ोतरी, विधवा/वृद्ध पेंशन, लखपति दीदी स्कीम, लड़कियों की शिक्षा जैसी योजनाओं का असर महिलाओं के वोटिंग पैटर्न में साफ दिखा। चुनाव परिणामों के अनुसार, करीब 18 जिलों में महिला मतदाताओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया — और यह बढ़त सीधे-सीधे एनडीए के खाते में गई।

•तरैया–खगड़िया–जमुई में चली ‘महिला लहर’।

तरैया, खगड़िया, जमुई, बक्सर और नालंदा जैसी सीटों पर महिला वोटिंग 60–72% तक दर्ज की गई, जिसने विपक्ष को बैकफुट पर धकेल दिया। इन सीटों के कई बूथों पर एनडीए को मिले महिला वोटों की संख्या, विपक्षी गठबंधन के कुल वोटों से अधिक थी।

•आरजेडी की सीटें सिमटीं, महिला वोटों ने बनाया फासला और चौड़ा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरजेडी की हार का सबसे बड़ा कारण महिला वोटों का एनडीए के पक्ष में शिफ्ट होना है। आरजेडी की सीटें एक बार फिर 30–35 के आसपास सिमट गईं, जबकि कई पर हार का अंतर 15–20 हजार तक पहुँच गया — जिसमें महिला बूथों की गिनती निर्णायक रही

•एनडीए नेताओं ने महिलाओं को दिया श्रेय — “विकास की सबसे बड़ी भागीदार महिलाएं ही”।

एनडीए नेताओं ने परिणामों को जनता और विशेष रूप से महिलाओं का आशीर्वाद बताते हुए कहा कि आने वाले पाँच सालों में महिला सुरक्षा, स्वावलंबन और स्वास्थ्य पर विशेष फोकस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं का भरोसा ही बिहार की नई विकास यात्रा की असली ताकत है।

•फिर बनेगी मजबूत सरकार, महिलाएँ होंगी प्राथमिकता में।

एनडीए ने बहुमत के जादुई आंकड़े को बड़ी आसानी से पार कर लिया है।पटना से लेकर प्रखंड स्तर तक चर्चाएँ हैं कि नए मंत्रिमंडल में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी और महिला योजनाओं पर विशेष बजट बनाया जाएगा।
इस चुनाव ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि बिहार की राजनीति का वास्तविक स्वरूप अब महिला मतदाता तय करते हैं।
2025 का जनादेश विकास, सुरक्षा और स्थिरता पर आधारित है — जिसमें महिला शक्ति की निर्णायक भूमिका रही।

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