Breaking Newsमीडिया

“पत्रकारिता की निष्ठा और नैतिकता को समर्पित राष्ट्रीय प्रेस दिवस।

राजीव रंजन

पटना/- आज देशभर में राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया, वह दिन जो भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और ज़िम्मेदारी को सम्मान देने का प्रतीक है। 1966 में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के गठन के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला यह दिवस न केवल पत्रकारों की भूमिका को याद करता है, बल्कि समाज में मीडिया की प्रासंगिकता पर भी व्यापक चर्चा का अवसर प्रदान करता है।

•प्रेस: लोकतंत्र की रीढ़।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर राजधानी सहित सभी जिला में आयोजित कार्यक्रमों में वक्ताओं ने कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जो शासन और जनता के बीच सार्थक सेतु का कार्य करता है। मीडिया का उद्देश्य सत्ता पर निगरानी रखना, जनता के सवालों को उठाना और देश को सही जानकारी उपलब्ध कराना है।

•फेक न्यूज़ और डिजिटल दौर की चुनौतियाँ।

डिजिटल युग में पत्रकारिता के सामने बड़ी चुनौती भ्रामक सूचनाओं, ट्रोल कल्चर, और सोशल मीडिया के तेज़ प्रसार की बताई गई। विशेषज्ञों ने कहा कि तकनीक ने सूचनाओं को तेज़ किया है, लेकिन इसके साथ सत्यापन और नैतिक पत्रकारिता की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया संस्थानों ने इस मौके पर फेक न्यूज़ से लड़ने के लिए फैक्ट-चेक सिस्टम को मजबूत करने का संकल्प भी दोहराया।

•पत्रकार सुरक्षा भी बनी बड़ी चिंता।

कई राज्यों में आयोजित चर्चाओं में पत्रकारों की सुरक्षा, उन पर बढ़ते हमलों और दबावों को लेकर भी चिंता जताई गई। प्रेस स्वतंत्रता सूचकांकों में आई गिरावट पर भी विचार हुआ, और सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा व प्रेस स्वतंत्रता को मजबूत करने की मांग उठाई गई।

• युवा पत्रकारों में उत्साह।

विश्वविद्यालयों और मीडिया संस्थानों में इस अवसर पर सेमिनार, कार्यशालाएं और बहस कार्यक्रम आयोजित हुए। युवा पत्रकारों ने आधुनिक तकनीकों—डिजिटल रिपोर्टिंग, डेटा जर्नलिज़्म और मोबाइल जर्नलिज़्म—के माध्यम से नई ऊँचाइयाँ छूने का संकल्प जताया।

Related Articles