बिहार के रोहतास जिला के नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर गांव में एक लोहे का पूरा पुल चोरी का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां आरा कैनाल नहर पर सन 1972 में लोहे का पुल सरकार द्वारा बनाया गया था. 60 फीट लंबा यह पुल जर्जर हो चुका था. सरकार द्वारा इसी के समानांतर कंक्रीट का एक और पुल बना दिया गया था। पुल बनने के बाद से ही ग्रामीणों द्वारा लोहे के पुल को हटाने के लिए सिचाई विभाग को पत्र लिखकर आवेदन दिया जा रहा था। चोर ने इसी खत का फायदा उठाया और गैस कटर, बुलडोज़र एवम गाड़ियों से आए चोरो ने ग्रामीणों को झांसे मे लिया और फिर पूरा पुल ही उखारकर और उससे निकले लोहे लेकर चंपत हो गए। चोर आकर सीधे साधे ग्रामीणो और स्थानीय सिचाई विभाग के कर्मचारियों को झांसे मे लिया कि विभाग ने उन्हें पुल हटाने को भेजा है, और वे सभी इस कार्य में मदद करने लगे औऱ स्थानीय कर्मचारियों ने लोहे को गाड़ियों मे भरने मे मदद भी की। जैसे ही विभाग के उच्च अधिकारियों को घटना का पता चला वे समझ गए कि चोरों ने उनके स्तानीय कर्मचारियों को उल्लू बनाकर लोहे की चोरी की है । आनन फानन में स्थानीय सिचाई इंजीनियर अरशद कमाल ने पुलिस मे 60 फिट लंबे 12 फिट उचे पुल के चोरी होने के मामले को दर्ज कराया । रिपोर्ट लिखते ही स्थानीय पुलिस मामले की जांच मे जुट गई है एवम पुलिस का दावा है कि जल्द ही वे मामले का खुलासा करेंगे।
कुणाल भगत