चिराग के बाद अब शरद और पोखरियाल की बारी, पढ़े,दिल्ली के लुटियंस जोन के बंगलो से क्यो है नेताओं को मोह।


चिराग ने आखिरकार 12 जनपथ का बंगला खाली कर ही दिया। यह बंगला चिराग के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व रामविलास पासवान को आवंटित हुआ था और वे 1990 से ही इस बंगले से पार्टी आफिस का भी काम चला रहे थे। बंगला खाली कराने आए अधिकारियों के अनुसार मंत्री रामविलास पासवान के अक्तूबर मे निधन के बाद चिराग को कई दफा बंगला खाली करने का नोटिस मिला पर वे बंगला खाली नही कर रहे थे तभी अधिकारियों ने उनसे इस बार बंगला खाली करवा लिया। इस पर चिराग ने कहा कि उन्हें बंगले मे रहने की अतिरिक्त मोहलत मिली थी और उनके पिता की यादें इस बंगले से जुड़ी थी इसलिए वे यहां थे और दुबारा सांसद बनने के बाद उन्हें कोई आवास आवंटित नही हुआ था इसलिए वे यहां थे परंतु जिस तरीके से बंगला खाली कराया गया है इससे उनको निराशा हुई है।सूत्र बताते है कि शरद यादब का भी बंगला उनसे खाली कराने के लिए सरकार की टीम प्रयासरत है परंतु उन्हें कोर्ट से 30 अप्रैल तक का समय मिला हुआ है वही पूर्व केंद्रीय मंत्री पोखरियाल से भी सोमवार को बंगला खाली कराने टीम जाएगी क्योकि उनका बंगला उड्डयन मंत्री सिंधिया को आवंटित हो चुका है।
बताते चले कि 12 जनपत बंगला दिल्ली के लुटियंस जोन मे स्थित है यह बंगला पिछले साल अगस्त मे रेल मंत्री अश्वनी वैश्नव को आवंटित कर दिया गया था। इन बंगलो का आवंटन, किराए एवम रखरखाव का कार्य सरकार का मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन एंड हाउसिंग अफेयर्स का डायरेक्टरेट ऑफ एसेट्स बिभाग देखता है जबकि आवंटन की पात्रता सरकार सीनियरिटी के आधार पर तय करती है। टाइप 6 से 8 तक का बंगला सांसदों एवम मंत्रियों को मिलता है जिसमे टाइप 8 सबसे ज्यादा सुविधाओ वाला होता है । सभी सांसदों को 50 हजार यूनिट बिजली और 4000 किलो लीटर पानी फ्री रहता है । यहां पर रंग रोगन, फर्नीचर एवम हरेक 3 महिने पर पर्दे की धुलाई भी फ्री रहती है।
मोदी सरकार मे बंगला आवंटन एवम खाली कराने के नियम का काफी शख्ती से पालन कराया जाता है। मोदी सरकार ने पहले ही वर्ष में 260 बंगलो को नेताओ से मुक्त कराया था वही मोदी सरकार ने बंगला नही खाली करने पर जुर्माने का भी प्रावधान रखा है जी की 10 लाख है।
कुणाल भगत